अंधविश्वास या श्राप: दो गांवों के लिए बना अभिशाप, आज भी आपस में न रिश्ते तय करते न पीते पड़ोसी गांव का पानी

अंधविश्वास या श्राप: दो गांवों के लिए बना अभिशाप, आज भी आपस में न रिश्ते तय करते न पीते पड़ोसी गांव का पानी



कातला गांव के लोग नहीं पीते सिसौना गांव का पानी
– फोटो : Amar Ujala

विस्तार


भले ही हम आधुनिक दौर में जी रहे हों, लेकिन उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में आज भी दो गांवों में बुजुर्गों द्वारा शुरू की गई परंपरा को बखूबी निभाया जा रहा है।

बड़गांव क्षेत्र में गांव कातला के लोग सिसौनी का खाना खाना तो दूर की बात गांव की सीमा का पानी तक नहीं पीते हैं। इसी परंपरा के चलते दोनों गांवों के लोगों में आपस में रिश्ते तक नहीं होते हैं। पति की हत्या के बाद सती हुई महिला के श्राप के कारण इन गांवों के बाशिंदे सैकड़ों सालों से इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। 



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *