आगरा पुलिस की गाड़ी (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा के पुलिसकर्मियों पर कई बार दाग लग चुके हैं। दुष्कर्म, छेड़छाड़ ही नहीं, लूट-रिश्वत लेने में भी सिपाही से लेकर दरोगा तक को जेल हो चुकी है। चौकी और थानों में वसूली तक के आरोप लगने पर निलंबन की कार्रवाई तक हो चुकी है। हालांकि सख्ती का असर नजर नहीं आ रहा है।
आगरा कमिश्नरेट बनने के बाद वसूली और उत्पीड़न के ही कई मामले सामने आ चुके हैं। कभी चौकी ले जाकर धमकाया गया तो कभी थाने में लाकर जबरन बैनामा करने तक के आरोप लगे। सड़क पर राह चलते भी पुलिस वसूली कर चुकी है। पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत मिलने पर अधिकारी निलंबन की कार्रवाई करते हैं। विभागीय जांच का आदेश किया जाता है। हालांकि कई बार जांच के बाद भी पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट मिल जाती है। कई थाने और चौकियों में सक्रिय गुर्गे तक वसूली कर रहे हैं।
ये हो चुके हैं मामले
– एत्मादपुर में थाना कोतवाली में तैनात दरोगा महिला सिपाही के घर में घुस गया था। लोगों ने दरोगा को पकड़कर पीटा था।
– पर्यटन मंत्री के परिचित और भिंड के पशु व्यापारियों के साथ थाना बासौनी पुलिस ने लूट की थी। 28 हजार रुपये लूटे थे। शिकायत मिलने पर पुलिस आयुक्त ने एक दरोगा सहित 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था।
– शाहगंज पुलिस ने कारोबारी पिता-पुत्र और भतीजे को अवैध हिरासत में रखा था। समाज विशेष के युवकों से पिटवाया था। एनकाउंटर का भय दिखाकर तहसील में करोड़ों की दुकान का बैनामा कराया। मामले में थाना प्रभारी निरीक्षक पर कार्रवाई हुई थी।
– सरसों के तेल के व्यापारी चंदन गुप्ता से लंगड़े की चौकी पर 15 लाख की लूट हुई थी। दो सिपाही घटना में शामिल थे। उन्हें जेल भेजा गया था।
– जगनेर के गांव नौनी में अनीता नामक महिला ने आत्महत्या की थी। आरोप लगा था कि महिला के पति मनोज को पुलिस ने पकड़ा था। पुलिस के गुर्गे ने मनोज के एनकाउंटर की बात कहकर पत्नी से रकम मांगी। इससे आहत होकर ही महिला ने आत्महत्या की थी। – मलपुरा के गांव अभयपुरा से आरपीएफ दरोगा और दो सिपाही सहित 5 लोगों ने जीजा-साले का अपहरण कर लिया था। 4 लाख रुपये फिरौती मांगी थी। पुलिस ने अपहृत मुक्त कराए थे। दरोगा और सिपाहियों को रुपये लेते गिरफ्तार किया गया।
– हाथरस के चांदी कारीगरों से चौकी फाउंड्री नगर में वसूली की गई थी। एनकाउंटर का भय दिखाकर दोनों से 72 हजार रुपये वसूले थे।