विपक्षी पार्टियों ने समय पूर्व चुनाव की तैयारियां शुरू करने की बात कही है।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
विपक्षी दलों को आगामी लोकसभा चुनाव समय से पहले कराए जाने की आहट मिल रही है। चुनाव आयोग की गतिविधियों और सत्ताधारी भाजपा की तैयारियों में तेजी को वे इसका संकेत मान रहे हैं। पश्चिमी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार सार्वजनिक रूप से यह संभावना जता चुके हैं। जबकि, सपा व कांग्रेस अंदरखाने इसके मद्देनजर ही अपनी तैयारियां कर रहे हैं।
भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश शासन को अप्रैल में एक पत्र भेजा कि इस साल अंत में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए 100 अधिकारियों की सूची दे दें। इसी के साथ नौकरशाही में समय पूर्व लोकसभा चुनाव की चर्चाएं चलने लगीं। इसके पीछे के तर्क हैं कि एक तो काफी पहले अधिकारियों की सूची मांग ली गई। दूसरे, इनकी संख्या भी पहले के मुकाबले ज्यादा है। यहां बता दें कि इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं।
इसके बाद 26 मई को भारत निर्वाचन आयोग के एक पत्र के तहत 6 जून से 16 जून के बीच उत्तर प्रदेश में अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में ट्रेनिंग दी गई। विपक्षी दलों के नेतृत्व ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के भी निहितार्थ निकाले। यह पत्र भारत निर्वाचन आयोग से जारी हुआ था, इसलिए अन्य राज्यों के नेताओं ने भी मंथन प्रारंभ कर दिया। पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा समय से पहले लोकसभा चुनाव कराना चाहती है, इसलिए उसने अन्य समुदायों के बीच पैरवी तेज कर दी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने अधिकारियों की बैठक में कहा कि परियोजनाओं को जल्द पूरा करने का प्रयास करें, क्योंकि लोकसभा चुनाव की घोषणा समय से पहले किए जाने की पूरी संभावना है।
तैयारियों को लेकर तेजी में आयोग
भारत निर्वाचन आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के लिए 40-50 लाख कार्मिकों को प्रशिक्षण देना होता है, इसलिए आम तौर पर एक साल पहले ही तैयारियां प्रारंभ हो जाती हैं। इस बार अप्रैल-मई, 2023 से ही आयोग ने इन तैयारियों को लेकर तेजी दिखानी शुरू कर दी है।
अप्रैल-मई, 2024 चुनाव का निर्धारित समय
वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता 10 मार्च को लागू हुई थी। 11 अप्रैल से 12 मई 2019 के बीच सात चरणों में चुनाव हुए थे और 23 मई को नतीजे आए थे। इस हिसाब से वर्ष 2024 के अप्रैल-मई में आगामी लोकसभा के चुनाव संपन्न कराने होंगे।
संभावना ध्यान में रख बढ़ रहे आगे
राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी कहते हैं कि परिस्थितियां बता रही हैं कि भाजपा समय पूर्व लोकसभा चुनाव करा सकती है। इस बात को ध्यान में रखकर ही हम आगे बढ़ रहे हैं।
राज्यों के साथ लोकसभा चुनाव कराने की तैयारी में सरकार
सपा नेता उदयवीर सिंह कहते हैं कि इस साल के अंत में चार राज्यों के चुनाव में भाजपा को अपनी स्थिति ठीक नहीं लग रही है। वहां इंडिया के घटक दल काफी मजबूत हैं। इसलिए भाजपा चार राज्यों को हारकर लोकसभा चुनाव में नहीं जाना चाहती और इससे डरकर राज्यों के साथ ही लोकसभा चुनाव कराने की योजना बना रही है।