DDU Gorakhpur
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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रंगीन मिजाज प्रोफेसर की करतूतों से पर्दा उठाने वाली शिष्या, बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापिका बन चुकी है। दूसरे जिले में उसकी तैनाती है। फिर भी प्रोफेसर से छले जाने का बदला लेने को उसे बदनाम करके ही मानी। खुद की नौकरी के साथ-साथ वह प्रोफेसर पर भी नजर बनाए हुए थी। वीडियो और अन्य साक्ष्य जुटाने के बाद उसने राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत की थी।
राष्ट्रीय महिला आयोग में मोबाइल मैकेनिक बनकर रंगीन मिजाज प्रोफेसर की शिकायत की गई थी। आंतरिक कमेटी की जांच में सामने आया कि शिकायत करने वाला मोबाइल मैकेनिक नहीं, बल्कि एक शोधार्थी है, जो उसी प्रोफेसर के निर्देशन में शोध कर रही है। अब वह बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर नौकरी कर रही है। उसकी तैनाती दूसरे जनपद में है।
प्रोफेसर के निर्देशन में शोध करने के चलते वह सीधे शिकायत करने से डर रही थी। लेकिन, दूसरे जनपद में नौकरी करने के दौरान भी उसने प्रोफेसर पर नजर बनाए रखी। प्रोफेसर की रंगीन मिजाजी का वीडियो एवं अन्य साक्ष्य जुटाने के बाद पहले उसने विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर राष्ट्रीय महिला आयोग तक अपनी बात पहुंचाई।
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