बदल रहा है गोरखपुर: NER की तीसरी लाइन तैयार, आज 110 किमी होगी ट्रेन की रफ्तार

बदल रहा है गोरखपुर: NER की तीसरी लाइन तैयार, आज 110 किमी होगी ट्रेन की रफ्तार


गोरखपुर कैंट-कुसम्ही स्टेशन के बीच तीसरी लाइन बिछा दी गई है। सोमवार को इस रेल लाइन पर 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाकर ट्राॅयल होगा। यह ट्राॅयल मुख्य संरक्षा आयुक्त मनोज अरोड़ा की निगरानी में होगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह पूर्वोत्तर रेलवे की पहली, तीसरी लाइन होगी, जिस पर मंगलवार से ट्रेनें चलाई जाएंगी। इस लाइन को बिछाने के लिए तीन चरणों में मेगा ब्लॉक लिया गया था।

 

गोरखपुर जंक्शन पर ट्रेनों की भीड़ को देखते हुए डोमिनगढ़-गोरखपुर जंक्शन-कैंट-कुसम्ही के बीच तीसरी लाइन के निर्माण को मंंजूरी मिली थी। 189 करोड़ की इस परियोजना पर अभी पहले चरण का काम पूरा हुआ है। कुसम्ही से गोरखपुर कैंट तक लाइन बिछा दी गई है। इसके लिए 13 अगस्त से 31 अगस्त तक पहला, एक से पांच सितंबर तक दूसरा और फिर 6 सितंबर से 11 सितंबर तक यातायात ब्लॉक लिया गया। रविवार को पटरी बिछाने, बिजली के तार, सिग्नल आदि का काम पूरा कर लिया गया। सोमवार को सुबह साढ़े नौ बजे गोरखपुर कैंट स्टेशन से कुसम्ही स्टेशन तक बिछी तीसरी लाइन का पहले ट्राॅली से निरीक्षण किया जाएगा। दोपहर बाद इस लाइन पर ट्रेन दौड़ाई जाएगी।

 

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि गोरखपुर कैंट-कुसम्ही स्टेशनों के मध्य तीसरी लाइन निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। रेल संरक्षा आयुक्त, उत्तर पूर्व सर्किल सोमवार को इस नवनिर्मित लाइन का निरीक्षण तथा स्पीड ट्रायल करेंगे। रेल प्रशासन का आमजन से अपील है कि निरीक्षण एवं स्पीड ट्रायल के दौरान इस तीसरी लाइन पर न तो स्वयं जाएं और न ही अपने पशुओं को जाने दें।

 

अंतिम दिन युद्ध स्तर पर चला काम, 10 घंटे तक नहीं चली ट्रेन

कैंट-कुसम्ही तीसरी लाइन और कैंट स्टेशन पर यार्ड रिमाडलिंग कार्य को पूरा करने के लिए शनिवार की पूरी रात रेलवे के अफसर और कर्मचारी कार्यस्थल पर जुटे रहे। कुछ काम बच गए थे, इसके लिए रविवार को दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक काम कराया गया, इस बीच एक भी ट्रेन व मालगाड़ी नहीं गुजरी।

 

रेललाइन बिछाने के लिए नए भवन में ऑटामेटिक सिग्नल कंट्रोल पैनल लगाया गया है। इस पैनल से ही ट्रेनों को संचालित किया जाएगा। स्टेशन के यार्ड में ट्रेन के प्रवेश करते ही बड़े स्क्रीन पर ट्रेन दिखने लगेगी। दरअसल, गोरखपुर कैंट को सेटेलाइन स्टेशन के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इसके लिए नया स्टेशन भवन और प्लेटफार्म भी बन रहा है। पुराने भवन को तोड़ा जाएगा। यार्ड रिमाॅडलिंग के दौरान पुराने भवन में लगे सिग्नल सिस्टम और अन्य उपकरण अब नए भवन में शिफ्ट कर दिए गए हैं।

 



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *