eye flu
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बरसात में होने वाली बीमारी कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू इस बार ज्यादा प्रभावी है। इसके संक्रमण की दर पिछले वर्षों की तुलना में छह गुना ज्यादा है। जिला अस्पताल से लेकर निजी डॉक्टरों के यहां मरीजों की भीड़ लगी है। जो मरीज समय से इलाज नहीं ले रहे हैं, उनके कॉर्निया (आंख के पिछले हिस्से) पर सूजन पाई जा रही है। इससे आंखों की रोशनी भी कम हो सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस का यह स्ट्रेन नया है। इसकी पहचान के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग भी की जा रही है। नई दिल्ली के चिकित्सा संस्थानों में चल रहे शोध पर मुरादाबाद के डॉक्टर भी नजर बनाए हुए हैं। यहां सोमवार को जिला अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञों के पास 307 मरीज पहुंचे।
इनमें से 113 मरीज आई फ्लू के रहे। दोपहर दो बजे के बाद भी काउंटर पर दवा लेने के लिए मरीजों की लाइन लगी थी। वहीं निजी डॉक्टरों का कहना है कि बरसात के मौसम में हर दिन औसतन पांच मरीज आई फ्लू के आते थे। इस बार हर दिन 28-30 मरीज आ रहे हैं।
वायरल के बाद लापरवाही बरतने से बैक्टिरियल इन्फेक्शन हो रहा है। ऐसे मरीजों को ठीक होने में भी सामान्य से ज्यादा समय लग रहा है। इसके उपचार में मरीजों को सामान्य एंटीबायोटिक आई ड्रॉप और एंटी एलर्जिक टैबलेट दी जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि खुद से दवा लेना खतरनाक हो सकता है, स्टेरॉयड के कारण आंख में गंभीर संक्रमण होने और हमेशा के लिए रोशनी जाने का खतरा रहता है।
मौसम में अचानक बदलाव बना संक्रमण का कारण
डॉक्टरों का कहना है कि इस बार मौसम में अचानक बदलाव हुए हैं। इस बदलाव के चलते वातावरण की नमी से कंजक्टिवाइटिस के वायरस को फैलने में मदद मिली है। इस बीमारी से परेशान मरीज एक ही कपड़े से बार बार आंख साफ कर रहे हैं, आंखों को मल रहे हैं।
ऐसे लोगों में संक्रमण गंभीर हुआ है। डॉक्टरों ने आई फ्लू के दो प्रकार बताए हैं। वायरल इनफेक्शन के मामले में आंखों में जलन, खुजली, लाली व पानी निकलने की समस्या होती है। जबकि बैक्टीरियल इन्फेक्शन के मामले में इन लक्षणों के साथ आंखों से कीचड़ निकलता है।
भरपूर मात्रा में उपलब्ध है दवा
जिला अस्पताल के डॉ. वीपी सिंह का कहना है कि अस्पताल में भरपूर मात्रा में कंजक्टिवाइटिस का दवा उपलब्ध है। किसी भी भ्रम में न आएं और मेडिकल स्टोर से खुद दवा न खरीदें। यदि लक्षण दिखने के फौरन बाद इलाज शुरू कर देते हैं तो चार दिन में आराम हो जाता है। यदि देर लगाते हैं इन्फेक्शन को ठीक होने में सप्ताह भर का समय लग रहा है। इन दिनों बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस बीमारी से परेशान हैं।
इस बार संक्रमण ज्यादा प्रभावी है। पहले हर दिन पांच मरीज आते थे। इस बार रोजाना 30 मरीज तक आ रहे हैं। वायरस का स्ट्रेन नया लग रहा है। इस पर जो शोध राजधानी में चल रहा है। उससे अपडेट रहने के लिए हम लगातार स्टडी कर रहे हैं। – डॉ. आशी खुराना, नेत्र रोग विशेषज्ञ
आई फ्लू इस बार ज्यादा लोगों को हो रहा है। यदि सावधानी बरती जाए तो इससे बचा जा सकता है। यदि संक्रमित हो गए हैं तो फौरन उपचार करें। देरी करने से बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो जाता है, जो कॉर्निया को नुकसान पहुंचा सकता है। आंखों की रोशनी कम हो सकती है। – डॉ. पल्लव अग्रवाल, नेत्र रोग विशेषज्ञ
लक्षण
- नजला, जुकाम, बुखार
- आंखों में दुखन
- आंखों में सूजन
यह भी जानें
- आंखों से लगातार पानी या कीचड़ निकलना
- धूप में निकलने में बहुत परेशानी होना
- आईफ्लू से बचाव के तरीके
- बचाव के लिए आंखों को साफ पानी से धोते रहें
- यदि संक्रमित हो गए हैं तो पानी न छिड़कें
- आंखों को गुनगुने पानी से साफ कर सकते हैं
- चश्मा लगाकर ही घर से बाहर निकलें
- दूसरे के रुमाल या चश्मे का प्रयोग न करे
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें
- हाथों को साफ रखें और हाथ मिलाने से बचें
- बारिश में भीगने से बचें