मुरादाबाद के अस्पातलों में डेंगू वार्ड फुल
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जिले में डेंगू और बुखार लोगों की जान ले रहा है। बुधवार को भी कुंदरकी में डेंगू से दो और बुखार से एक मौत का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इन मौतों से अंजान हैं। अब तक जिले में 40 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम गावों में शिविर लगाने के बावजूद लोगों की जान बचाने में नाकाम है।
कुंदरकी के गांव इमरतपुर सिरसी निवासी खुशनवी परवीन (59) को आठ दिन से बुखार था। पहले गांव में इलाज किया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद परिजन उन्हें मुरादाबाद के निजी अस्पताल में ले आए।
यहां से परवीन को दिल्ली रेफर कर दिया गया। दिल्ली के मैक्स अस्पताल में उनकी डेंगू की की रिपोर्ट पॉजीटिव आई। वहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। तख्तपुर हाशा में किसान राजपाल सिंह (58) को भी तीन दिन से पहले बुखार आया था।
गांव में झोलाछाप से इलाज कराया तो पेट में भी परेशानी होने लगी। परिजनों ने राजपाल को मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां बुधवार को उनकी मौत हो गई। दूसरी ओर गांव फत्तेहपुर खास में नौसाबा (38) को पांच दिन पहले बुखार आया था।
खून की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। नौसाबा भी मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती थीं। इलाज के दौरान बुधवार सुबह उनकी मौत हो गई।
अब तक जिले में डेंगू के 670 मरीज
पिछले चार दिन से जिले में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। पहले हर दिन औसतन 20 मरीज आ रहे थे। अब चार-पांच दिन से औसतन 40 केस आ रहे हैं। बुधवार को मिले 40 नए मामलों के बाद अब तक मिले मरीजों की संख्या 670 हो गई है।
डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित प्रदेश के कुछ जिलों में मुरादाबाद भी शामिल है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. प्रवीण श्रीवास्तव का कहना है कि मंगलवार को बिलारी, डिलारी, मूंढापांडे, ठाकुरद्वारा, भोजपुर, कुंदरकी और मुरादाबाद शहर में 1200 से ज्यादा लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। यदि किसी को डेंगू या मलेरिया के लक्षण हैं, तो हेल्पलाइन नंबर 0591-2411224 पर सूचना दे सकता है।