नर्सिंग की छात्राएं।
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प्रदेश के 52 फीसदी से अधिक नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेजों को सी ग्रेड मिली हैं। इन सभी कॉलेजों को व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया गया है। चेतावनी दी गई कि ग्रेडिंग में सुधार नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह ए ग्रेडिंग वाले कॉलेजों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रदेश में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल शिक्षा को बढा़वा देने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत कॉलेजों में पाठ्क्रम सुधार के साथ शिक्षकों की बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है। अब सभी कॉलेजों की ग्रेडिंग कराई गई है। इसके तहत कॉलेज के संसाधन, लैब, शिक्षकों की स्थित, छात्रों की पढ़ाई के स्तर आदि बिंदुओं पर डाटा फीड कराया गया। इस डाटा के आधार पर रैंक निर्धारित की गई।
नर्सिंग के कुल 383 कॉलेजों में 200 कॉलेजों को सी ग्रेड मिली है। यानी सर्वाधिक 52 फीसदी कॉलेज सी ग्रेड में हैं। इसी तरह ए ग्रेड में सिर्फ 35 कॉलेज आए हैं। बी ग्रेड में 53, डी ग्रेड में 80 और ई ग्रेड के 15 कॉलेज हैं। इसी तरह पैरामेडिकल कॉलेजों में ए ग्रेड में 26, बी ग्रेड में 39, सी ग्रेड में 143, डी ग्रेड में 74 और ई ग्रेड में 12 हैं। अब डी और ई ग्रेड के कॉलेजों को व्यवस्था सुधार के लिए कड़ी चेतावनी दी गई है। दूसरी तरफ सी ग्रेड वालों की संख्या अधिक होने की वजह से इन कॉलेजों को अगले सत्र में व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया गया है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
कॉलेजों की व्यवस्था सुधारने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। पहली बार प्रदेश के नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेजों की ग्रेडिंग कराई गई है। यह प्रक्रिया हर साल अपनाई जाएगी। इससे नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा में सुधार होगा, जिसका फायदा मरीजों को मिलेगा। – डा. आलोक कुमार, सचिव उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी।