बाघ
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उत्तर प्रदेश में वनों के बेहतर प्रबंधन के नतीजे भी अच्छे मिल रहे हैं। पिछले चार वर्षों में यहां बाघों की संख्या में 18 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इनकी संख्या 173 से बढ़कर 205 हो गई है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 63, दुधवा में 135 और रानीपुर टाइगर रिजर्व में 4 बाघ हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में तीन बाघ इन रिजर्व क्षेत्रों से बाहर भी मिले हैं। हालांकि, इस गणना में बिजनौर के अमानगढ़ के जंगलों में पाए जाने वाले बाघों को शामिल नहीं किया गया है।
प्रमुख मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव सुधीर शर्मा कहना है कि अमानगढ़ को कॉर्बेट पार्क का बफर जोन माना जाता है। इसलिए वहां पाए जाने वाले बाघों की गिनती कॉर्बेट पार्क के अंतर्गत की जाती है। ऐसे देखा जाए तो यूपी मे वास करने वाले बाघों की वास्तविक संख्या 205 से ज्यादा हो सकती है।
दुधवा राष्ट्रीय पार्क और टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल अपेक्षाकृत कम होने के बावजूद बाघ संख्या के आधार पर इसका पूरे देश में चौथा स्थान है। मुख्य वन संरक्षक पीपी सिंह का कहना है कि यह बाघ संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता एवं सकारात्मक नीतियों का परिणाम है कि सीमित वन क्षेत्र के बाद भी यहां बाघ संरक्षण में महत्वपूर्ण सफलता मिली है।