अमरोहा के पतेई खालसा में मौका मुआयना करते डीआईजी मुनिराम सिंह।
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अमरोहा जिले के गांव पतेई खालसा में हुए ताजिया हादसा में मुकदमा दर्ज करने के बारह घंटे के भीतर डिडौली पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के आरोपी ताजियेदार (आयोजक) को गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया। इस मामले में लापरवाही बरतने के मामले में एसपी ने इंस्पेक्टर को भी निलंबित कर दिया था।
डिडौली के पतेई खालसा गांव में शनिवार की शाम को दसवीं मोहर्रम पर ताजियों का जुलूस निकाला जा रहा था। मोहर्रम के पारंपरिक जुलूस में आठ सौ से ज्यादा लोग शामिल थे। छोटे-छोटे तीन ताजिये अजादारों के कंधों पर थे, जबकि सबसे बड़े और ऊंचे ताजिये के लिए ट्रैक्टर-ट्राली की व्यवस्था की गई थी।
पतेई खालसा से शुरू हुआ जुलूस ढकिया चमन और नीलीखेड़ी होते हुए कर्बला तक जाना था। रास्ते में हाईटेंशन लाइन के नीचे से गुजरते समय हादसा हो गया। हादसा होते ही जुलूस में शामिल लोगों के बीच चीख-पुकार और भगदड़ मच गई। सूचना पर डीएम राजेश कुमार त्यागी, एसपी आदित्य लांग्हे समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
करंट की चपेट में आए ताजियेदारों और अजादारों को एंबुलेंस व पुलिस की गाड़ियों से मुरादाबाद स्थित टीएमयू के मेडिकल कॉलेज लाया गया। वहां डॉक्टरों ने पतेई खालसा निवासी उवैस और शाने मोहम्मद को मृत घोषित कर दिया। हादसे में झुलसे और घायल हुए लोगों को वहां भर्ती करके उपचार दिया गया।
पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर पीके चौहान को निलंबित कर दिया। जबकि आयोजक एहसान मलिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया। सीओ सिटी विजय कुमार राणा ने बताया कि आरोपी एहसान मलिक को सोमवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। आयोजक पर पाबंदी के बाद भी बारह फीट की जगह 35 फीट का ताजिया निकालने के आरोप हैं। ताजिये की ऊंचाई अधिक होने के कारण हादसा हुआ और छात्र समेत दो की मौत हो गई। जबकि 55 से अधिक लोग घायल हुए थे।