अमर उजाला की प्रस्तुति: संयोग, वियोग के साथ देश भक्ति के कजरी गायन ने बांधा समा, झूमते रहे श्रोता

अमर उजाला की प्रस्तुति: संयोग, वियोग के साथ देश भक्ति के कजरी गायन ने बांधा समा, झूमते रहे श्रोता



अमर उजाला की ओर से मिर्जापुर में कजरी महोत्सव
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


अमर उजाला की प्रस्तुति, मां तुझे प्रणाम के तहत शुक्रवार शाम कजरी के नाम रही। खचाखच भरे लालडिग्गी के मिलन पैलेस में आयोजित महोत्सव के दौरान कजरी गायन सुन श्रोता झूमते रहे। साथ ही तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन भी करते रहे। आसमान में छाए काले बादलों के बीच कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। इसके बाद कजरी की प्रस्तुति का दौर शुरू हुआ, जो देर रात तक चलता रहा। श्रोता कजरी के रसधार में डूबते-उतराते रहे।

कजरी महोत्सव में मुंबई, वाराणसी व जिले के कलाकारों ने कजरी की प्रस्तुति दी। स्थान भिन्नता के बाद भी कजरी की सोंधी महक एक सी रही। देशज रागों पर आधारित कजरी की धुन कभी तेज तो कभी धीमी होती रही, लेकिन तालियों की गड़गड़ाहट बढ़ती जा रही थी। पद्मश्री अजीता श्रीवास्तव की देशभक्ति वाली कजरी अरे रामा नागर नइया जाला काले पनिया रे हरि… और उर्मिला श्रीवास्तव की परंपरागत कजरी कवन रंग मोतिया कवन रंग मूंगवा… ने धूम मचाई। मुंबई के कलाकार सुरेश शुक्ला ने अपने गले के दम का प्रदर्शन कर जो कजरी सुनाई, वह पूरे कार्यक्रम पर छा गई। उनकी पिया मेहंदी लिया द मोती झील से, जाइके साइकिल से ना… बहुत सराही गई।

‘जागो जागो रे हिंद के जवनवा’

वाराणसी की शैलबाला मिश्रा ने भाव भंगिमा के साथ कजरी की जो प्रस्तुति की, उसे देख व सुनकर लोग अचंभित रह गए। उन्होंने रुनझुन खोल हो केवड़िया… हम विदेसवा जइबे ना… ने खूब रंग जमाई। अंतरराष्ट्रीय कलाकार ऊषा गुप्ता ने भी कई कजरी प्रस्तुत की। उनकी देश भक्ति से रससिक्त जागो जागो रे हिंद के जवनवा… ने लोगों को रोमांचित कर दिया। इसी प्रकार डाॅ. मन्नू यादव ने करताल से जीभ दबाकर कजरी व बिरहा की अद्भुत प्रस्तुति की।



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