श्री रामजन्म भूमि पथ
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रामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन राममंदिर का करीब 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। मंदिर के उद्घाटन के बाद हर रोज करीब एक लाख श्रद्धालु रामलला के दरबार पहुंचेंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट प्रशासन के साथ भीड़ नियंत्रण को लेकर प्लान तैयार कर रहा है। ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंदिर में प्रवेश करने के बाद भक्तों को रामलला के दर्शन के लिए मात्र 20 सेंकेड ही मिल पाएगा। इसके बाद उनके बाहर निकलने की भी बेहतर व्यवस्था होगी। एक अनुमान के मुताबिक रामजन्मभूमि परिसर में रामभक्त करीब एक घंटे तक रुक सकेंगे।
राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जाएगा। मंदिर की सुरक्षा के लिए चार लेयर का एक सुरक्षा चक्र तैयार किया जाएगा। इसके साथ इंफॉरर्मेशन और इंटेलीजेंस सिस्टम भी विकसित किया जा रहा है। इसकी व्यवस्था गृह मंत्रालय की ओर से की जा रही है। पूरे क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था के लिए ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है। मंदिर में भीड़ नियंत्रण सिस्टम का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को 50 हजार, 1 लाख, 5 लाख और 10 लाख के आधार पर रखते हुए प्लानिंग तैयार की गई है। भीड़ नियंत्रण के लिए आने वाली चुनौतियों से निपटने की भी तैयारी की जा रही है। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसी अपने स्तर पर प्लान तैयार कर मंदिर समिति के समक्ष रखेगी।
आखिरी चरण में प्रथम फेज का निर्माण
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रविवार को सोशल मीडिया पर मंदिर के प्रवेश द्वार और यहां तक पहुंचने वाली सीढ़ियों की तस्वीर पोस्ट की। इसके जरिए उन्होंने यह बताने की कोशिश की है कि मंदिर का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में चल रहा है। मंदिर तक पहुंचने का रास्ता बन कर तैयार हो गया है। चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण की पहली डेडलाइन दिसंबर 2023 में पूरी हो रही है। इस समय मंदिर का ग्राउंड फ्लोर बनकर तैयार हो जाएगा। परकोटा के निर्माण के बाद राम मंदिर अपने भव्य रूप में दिखेगा। भूतल की फर्श और मंदिर के दरवाजे का निर्माण भी तेजी से चल रहा है।