श्री रामजन्म भूमि पथ
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
रामलला के दर्शनार्थियों के लिए श्रीरामजन्मभूमि पथ रविवार को खोल दिया गया है। 566 मीटर लंबे व 100 फीट चौड़ आधुनिक सुविधाओं से युक्त इस पथ पर प्रवेश करते ही आसमान छूता मंदिर का शिखर नजर आने लगता है। साथ ही मंदिर निर्माण कार्य को भी करीब से देखा जा सकता है। रामजन्मभूमि पथ को भले ही भक्तों के लिए खोल दिया गया है लेकिन अभी इस पथ के निर्माण का 20 फीसदी काम अभी शेष बचा हुआ है।
1992 की घटना के बाद से ही रामजन्मभूमि परिसर को लोहे की जालियों में जकड़ दिया गया था। रामलला के दर्शन के लिए भक्तों को सकरे रास्ते से होते हुए पांच स्थानों पर चेकिंग के बाद प्रवेश मिलता था। रंगमहल बैरियर से भक्तों को प्रवेश मिलता रहा, यह मार्ग मात्र 30 फीट चौड़ा है, परिसर के अंदर आने पर मार्ग की चौड़ाई और कम हो जाती थी। अंदर प्रवेश करते ही जेलनुमा रास्ते से होकर भक्त टेंट में विराजमान रामलला के दरबार पहुंचते थे। इस बीच 9 नवंबर 2019 को रामलला के हक में निर्णय आने के बाद लोहे की जालियों को हटा दिया गया। रामलला को टेंट से निकालकर सुविधाओं से युक्त अस्थाई मंदिर में विराजित कराया गया।
मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद रामलला के दर्शनमार्ग पर भी तमाम सुविधाएं, तिरपाल, पानी की टंकी, एटीएम, व्हीलचेयर आदि की व्यवस्था तो कर दी गयी लेकिन सकरा दर्शनमार्ग भक्तों के लिए समस्या का सबब रहा। यही नहीं मंदिर में प्रवेश करने के बाद बाहर निकलने में भक्तों को करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। अब भक्तों के लिए बनाया गया नया पथ न सिर्फ भव्यता की मिशाल है, बल्कि 100 फीट चौड़ा होने के चलते भीड़ नियंत्रण भी आसान है। पहले पांच स्थानों पर चेकिंग होती थी अब मात्र दो स्थानों पर चेकिंग के बाद ही भक्तों को प्रवेश मिल रहा है।
भक्तों को सबसे ज्यादा इस बात की खुशी है कि पथ पर कदम रखते हुए निर्माणाधीन मंदिर की झलक दिखने लगी है। पुराने दर्शनमार्ग पर बने रामझरोखे से करीब 500 मीटर की दूरी से भक्त मंदिर निर्माण कार्य के साक्षी बन पाते थे, अब मात्र 100 मीटर की दूरी से ही मंदिर की भव्यता निहार भक्त निहाल हो रहे हैं। श्रीरामजन्मभूमिपथ आधुनिक सुविधाओं से भी युक्त है, अगले कुछ महीने में यह पथ रामभक्तों के लिए और सुविधाजनक हो जाएगा।
तेजी से विकसित हो रहे राममंदिर के दो और रास्ते
राममंदिर जाने वाले तीन रास्तों में से एक रास्ते रामजन्मभूमि पथ को खोल दिया गया है। जबकि रामपथ व भक्तिपथ को विकसित करने का काम अभी बाकी है। सहादतगंंज से नयाघाट तक 13 किलोमीटर का मार्ग रामपथ के रूप में विकसित रहा है। इस मार्ग का अभी तक 40 फीसदी काम पूरा हुआ। मार्ग के चौड़ीकरण क्रम में पाइप लाइन डालने, भूमिगत विद्युतीकरण व डक्ट निर्माण का काम चल रहा है। दिसंबर तक यह मार्ग बनकर तैयार हो जाएगा। जबकि भक्तिपथ पर अभी डक्ट निर्माण का काम चल रहा है। यह पथ अभी मात्र 20 फीसदी तैयार है। करीब 700 मीटर लंबे इस पथ का काम भी दिसंबर तक पूरा कर लिए जाएगा।