अयोध्या
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राममंदिर निर्माण के साथ रामलला की मूर्ति निर्माण का कार्य भी तेज कर दिया है। राममंदिर में रामलला के दो विग्रह स्थापित किए जाएंगे। एक विग्रह की स्थापना चल मूर्ति के रूप में तो दूसरे विग्रह की स्थापना अचल मूर्ति के रूप में होगी। विराजमान रामलला चल मूर्ति के रूप में पूजित-प्रतिष्ठित होंगे जबकि अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। अचल मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट होगी। इसका निर्माण कार्य चल रहा है, जो इसी माह पूरा हो जाएगा।
रामलला की अचल मूर्ति रामसेवकपुरम में तैयार हो रही है। कर्नाटक व राजस्थान के तीन मूर्तिकार तीन मूर्तियां बना रहे हैं। इनमें से सर्वोत्तम को भूतल यानि गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा। शेष दोनों मूर्तियां प्रथम तल व द्वितीय तल में स्थापित किए जाने की योजना है। अचल मूर्ति की ऊंचाई 52 इंच होगी। फाउंडेशन समेत मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट हो जाएगी। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि बालक होने के बाद भी धनुष रामलला की पहचान है। मूर्ति में रामलला का धनुष, तीर व मुकुट अलग से बनाकर लगाया जाएगा। बताया कि ऊंचाई वैज्ञानिक के मत के आधार पर तय की गई है। हर रामनवमी पर रामलला के मुख पर सूर्य की किरणें पड़ सकें, इसे लेकर वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट रहेगी ताकि तकनीकी रूप से रामलला का सूर्य रश्मियों से अभिषेक हो सके।
#WATCH | General Secretary of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Champat Rai says, “An idol of lord Ram’s five-year-old form is being made. It measures 4 feet 3 inches. It is being made of stones. It will be ready in November. It is being made in Ayodhya… ‘Pran Pratishtha’… pic.twitter.com/0KY0xYfsVY
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 9, 2023
प्रथम तल का 70 फीसदी काम पूरा
राममंदिर निर्माण की गति भी बढ़ा दी गई है। 3500 मजदूर तीन शिफ्टों में राममंदिर को आकार देने में जुटे हैं। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि स्ट्रक्चर की दृष्टि से भूतल का कार्य लगभग पूरा हो गया है और प्रथम तल का निर्माण भी 70 फीसदी हो चुका है। 15 नवंबर तक प्रथम तल भी पूर्ण कर द्वितीय तल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। बताया कि भूतल के स्तंभों में मूर्तियों को उकेरने का काम चल रहा है। रंगमंडप, नृत्य मंडप व गूढ़ मंडप आकार ले चुका है। मंदिर में पांच मंडप बनाए जाने हैं।