अयोध्या
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रामजन्मभूमि में चल रहे मंदिर निर्माण के साथ ही अब प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की भी तैयारियां तेज हो गयी हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 15 जनवरी 2024 से शुरू हो जाएगा। 21 से 23 जनवरी के बीच रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रण की भेजा जा चुका है।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर रामनगरी अयोध्या को दिसंबर से ही राममय बनाने की योजना है। रामनगरी दो माह तक उत्सवी माहौल में डूबी रहेगी। इस दौरान विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। प्राण प्रतिष्ठा के दिन और उसके बाद फरवरी तक रामलला के दर्शन करने वाले वाले प्रत्येक भक्त को प्रसाद मिल सके इसकी व्यवस्था की जा रही है। हर दिन एक लाख भक्तों के लिए प्रसाद बनेगा और बंटेगा। ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा से पहले दिसंबर 2023 से मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 तक की अवधि में अयोध्या में सांस्कृतिक, आध्यात्मिक राममय वातावरण बनाया जा सके, इसके लिए प्रयास चल रहा है।
पूरी अयोध्या को इस तरह सजाया जाएगा कि प्रवेश करते ही रामायण युग की अनुभूति हो। जगह-जगह मंच सजाकर संस्कृति विभाग की टीमें रामलीला मंचन लोक कलाओं की प्रस्तुतियां देंगें। मंदिरों में कथा, प्रवचन, सामूहिक सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ आदि का आयोजन होगा।
बताया गया कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव ऐतिहासिक हो इसको लेकर हर 15 दिन पर बैठक की जाती है। बैठक का सिलसिला अप्रैल माह से ही शुरू कर दिया गया है। अब 09 अगस्त, 25 अगस्त व 08 सितंबर को फिर बैठक होगी। ट्रस्ट के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आने वाले भक्तों की श्रेणियां निर्धारित की जा रही हैं। कुछ भक्त सुबह आएंगे और शाम को लौट जाएंगें, कुछ अयोध्या में अपने गुरू स्थानों पर रूकेंगे। कुछ धर्मशाला व होटल में किराया देकर रहेंगे। कुछ ऐसे भक्त होंगे जो मध्यम श्रेणी के हैं, ऐसे करीब 25 हजार भक्तों के रूकने, खाने आदि के इंतजाम ट्रस्ट द्वारा किए जाएंगें।
अलग-अलग तिथियों में राज्यों को किया जाएगा आमंत्रित
गणतंत्र दिवस 2024 से देश के भिन्न-भिन्न राज्यों को अयोध्या आने के लिए तिथियां निर्धारित की जाएंगी। उन्हीं तिथियों पर उन राज्यों से भक्त आएं यह प्रयास रहेगा। अलग-अलग भाषाओं के भक्तों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए संबंधित राज्यों के महिला व पुरूष की टीमें बनाईं जा रही हैं। दस सदस्यीय टीम दो महीने तक अयोध्या में रहेगी और अपने-अपने राज्यों के भक्तों का मार्गदर्शन करेगी।
परिसर के अंदर की तैयारियों पर अभी विचार नहीं
ट्रस्ट सूत्रों ने बताया कि 70 एकड़ के भीतर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर किए जाने वाली तैयारियों के बारे में अभी विचार नहीं हुआ है। शासन स्वयं करेगा, ट्रस्ट की भागीदारी रहेगी या केवल ट्रस्ट करेगा। राममंदिर के भूमिपूजन पर 5 अगस्त के परिसर के भीतर का आर्थिक दायित्व शासन व ट्रस्ट ने आपस में मिलकर वहन किया था। 70 एकड़ परिसर के बाहर की जाने वाली सभी व्यवस्थाओं एवं सभी कार्यों का आर्थिक दायित्व स्वाभाविक रूप से श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र वहन करेगा।