ईईएसएल कंपनी कार्यालय में ताला लगाते पार्षद
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अलीगढ़ नगर निगम क्षेत्र के सभी 90 वार्डों की पथ प्रकाश व्यवस्था से पार्षद बेहद गुस्से में हैं। रात के समय वार्ड या तो अंधेरे में रहते हैं या फिर लाइटें लुकाछिपी करती रहती हैं। मरम्मत का जिम्मा संभाल रही कंपनी ने सभी 90 वार्डों में मात्र 8 कर्मचारी मरम्मत के लिए लगा रखे हैं। इससे गुस्से में आए भाजपा पार्षदों ने रविवार को ईईएसएल कार्यालय पर ताला जड़ दिया। इस दौरान कई घंटे तक हंगामा किया। बाद में मेयर प्रशांत सिंघल के हस्तक्षेप पर ताला खोलकर पार्षद वहां से हटे।
नगर निगम ने ईईएसएल को शहर में स्ट्रीट लाइट लगाने और उन्हें मरम्मत का जिम्मा दे रखा है। जिसका कार्यालय जीटी रोड कपिल विहार में है। चूंकि यह ठेका शासन स्तर से दिया गया है। मगर पिछले कुछ समय से कंपनी व नगर निगम के बीच भुगतान को लेकर विवाद चल रहा है। नगर निगम के अनुसार भुगतान के बाद भी काम नहीं हो रहा। वहीं कंपनी के अनुसार पूरा भुगतान नहीं हुआ। इधर, अब नगर निगम का समीक्षा क्षेत्र बढ़ गया है। बावजूद इसके मात्र आठ कर्मचारियों की चार टीमें स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत के लिए लगी हुई हैं। ऐसे में पूरे शहर में लाइटों की मरम्मत संभव नहीं। इसी वजह से शहर के वार्ड या तो अंधेरे में डूबे रहते हैं या फिर रात को स्ट्रीट लाइट लुकाछिपती करती हैं।
इस समस्या से आजिज भाजपा के दर्जन भर पार्षद रविवार को कंपनी के कार्यालय पहुंच गए और यह कहते हुए हंगामा शुरू कर दिया कि नगर निगम व ईईएसएल कंपनी आपसी लड़ाई में जनता परेशान हो रही है। न तो नए वार्डों में एक भी स्ट्रीट लाइट लगी है। जिन पुराने इलाकों में लाइटें खराब हैं और उनकी मरम्मत नहीं की जा रही है। जब भी पूछो तो कंपनी का कहना होता है कि चार करोड़ से अधिक का भुगतान नगर निगम ने नहीं किया, जबकि नगर निगम का कहना है कि भुगतान कर दिया गया है।
इस दौरान पार्षदों ने कंपनी कार्यालय पर ताला डाल दिया। बात नगर निगम के अभियंता मनोज प्रभात व अपर नगर आयुक्त तक पहुंची। उनसे वार्ता के बाद मेयर प्रशांत सिंघल ने पार्षदों से वार्ता की और उन्हें समझाया कि आप परेशान न हों, जल्द समस्या का समाधान होगा। तक पार्षद ताला खोलकर वहां से हटे। इस दौरान करन माहौर, सूरज माहौर, विनोद माहौर, संजय पंडित, रामकुमार, योगेंद्र पाल सिंह, योगेश जौहरी, देवेंद्र सैनी आदि पार्षद मौजूद रहे।