आगरा पुलिस
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उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने शहर के 207 डार्क स्पॉट पर पुलिस तैनात करने के निर्देश दिए हैं। कहा कि देहात में भी इस तरह स्पॉट चिह्नित किए जाएं। इनकी संख्या अभी कम है, इसे और बढ़ाएं।
पुलिस आयुक्त ने डीसीपी सिटी सूरज राय, पूर्वी जोन सोमेंद्र मीणा, पश्चिमी जोन सोनम कुमार को इस संबंध में दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन डार्क स्पॉट पर पीआरवी के साथ चीता मोबाइल को लगाएं। जो मार्ग सुनसान हैं, उन पर पुलिस पेट्रोलिंग करे। अगर, लाइट नहीं लगी हैं तो नगर निगम के अधिकारियों से समन्वय करके लगवाएं। नए डार्क स्पॉट चिह्नित करें। इन इलाकों में कैमरों से भी निगरानी की व्यवस्था हो।
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सिर्फ आंकड़ेबाजी नहीं, कार्रवाई जरूरी-
- 100 प्रतिशत में से 5 प्रतिशत मामले ही पुलिस के पास पहुंचते हैं।
- एकदम सही कार्रवाई के लिए पुलिस को पहले गोपनीय तरीके से पड़ताल करनी होगी।
- जहां भी कार्रवाई की जानी है, वो एक साथ की जानी चाहिए।
- डार्क स्पॉट पर ही मनचलों को गिरफ्तार किया जाए, ताकि स्पष्ट संदेश जाए।
- आरोपी के खिलाफ कार्रवाई में खानापूर्ति नहीं की जानी चाहिए।
- केस दर्ज किया जाना चाहिए। अधिकतम धाराएं लगानी चाहिए।
- कार्रवाई ऐसी हो कि उदाहरण पेश करें। सख्त कार्रवाई का असर पड़ता है।
- सिर्फ आंकड़ेबाजी करने तक ही पुलिस सीमित न रहे।
- आरोपियों को चिह्नित करके संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई करें।
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(सेवानिवृत्त सीओ बीएस त्यागी ने दिए अपने सुझाव)
यहां भी है दिक्कत-
- शाहगंज के सराय ख्वाजा, आजम पाड़ा में भीड़ अधिक रहती है। मनचले फायदा उठाते हैं। इन इलाकों की शिकायत अधिक।
- टेढ़ी बगिया, कालिंदी विहार से शाहदरा तक शराब की दुकानों पर युवकों का जमावड़ा। आते-जाती लड़कियों और महिलाओं को होती है परेशानी।
- जगदीशपुरा में लोहामंडी-बोदला मार्ग पर कई रास्तों पर युवकों के झुंड परेशानी का सबब बनते हैं।
- दयालबाग, शास्त्रीपुरम, बुंदू कटरा, रोहता, सिकंदरा में बाईंपुर-ककरैठा का जंगल, बिचपुरी मार्ग पर कई बार वारदात हो चुकी हैं।
- ओपन बार पर पुलिस का कोई अंकुश नहीं है। कुछ दिन होती है कार्रवाई।
- पुलिस की एक टीम को गश्त पर रहना चाहिए। स्कूल-कॉलेज के बाहर प्रभावी रूप से पुलिस कार्रवाई करे।
- स्कूलों में शिकायत पेटिका लगाई गई हैं। इनमें शिकायत मिलने पर कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए।