आगरा नगर निगम
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उत्तर प्रदेश के आगरा में राकेश बंसल प्रकरण के बाद मेयर ने पलटवार किया है। नगर निगम के लेखा विभाग में तैनात लिपिक के बारे में शिकायतें मिलने पर मेयर हेमलता दिवाकर ने नगर आयुक्त से उसे हटाने के निर्देश दिए हैं। सेंगर पर आरोप है कि मनमाने तरीके से चेक बनाए जा रहे हैं। वहीं, मेयर के इस पत्र पर पार्षदों ने दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है।
मेयर हेमलता दिवाकर ने 14 अगस्त को नगर आयुक्त को पत्र लिखा, जो बुधवार को वायरल हो गया। इसमें मेयर ने लिखा है कि लिपिक मनोज सेंगर के कारण विभाग की छवि खराब हो रही है। ऐसे कर्मचारी को किसी महत्वहीन विभाग में तैनात किया जाए। इसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाए। मेयर ने पत्र में लिखा है कि मनोज सेंगर की शिकायतें मिल रही है। वह मनमाने तरीके से ठेकेदारों के चेक बनाता है। अनैतिक रूप से ठेकेदारों को परेशान किया जा रहा है। लेखा विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बने हैं। यह निंदनीय है।
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मेयर पर ही उठाए सवाल
विपक्षी बसपा पार्षदों ने मेयर हेमलता दिवाकर के इस पत्र पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि मेयर ने राकेश बंसल प्रकरण में कहा था कि बंसल पर विजिलेंस की जांच रिपोर्ट नहीं आई। रिपोर्ट में दोषी होगा तो कार्रवाई करूंगी। ऐसे में मनोज सेंगर की कौन सी जांच हुई, जिसकी रिपोर्ट में दोषी बताया गया। उन्होंने कहा कि मनोज सेंगर के कार्यों की जांच कराई जाए। पार्षदों ने मेयर पर शहर की सफाई, पानी, सड़कों की जगह लिपिकों पर ज्यादा ध्यान देने के आरोप लगाए हैं।