रामपुर में जौहर विवि में छापेमारी के दौरान गेट पर लगे ताले
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सत्ता परिवर्तन के साथ ही समाजवादी पार्टी के फायर ब्रांड नेता आजम खां का जौहर ट्रस्ट विवादों में घिर गया। उनके धुर विरोधी ट्रस्ट पर कभी जौहर ट्रस्ट पर किसानों की जमीन कब्जाने का आरोप लगाते रहे तो कभी अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन बिना डीएम के अनुमति के खरीदने और चकरोड की जमीन कब्जा करने के।
किसानों की जमीन पर कब्जा करके जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने के आरोप में लगभग 27 मुकदमे दर्ज हैं जो अदालत में विचाराधीन हैं। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां ने वर्ष 1995 में जौहर ट्रस्ट की स्थापना की थी। इसका उद्धेश्य शिक्षा को बढ़ावा देना था। ट्रस्ट के माध्यम से ही जौहर यूनिवर्सिटी का निर्माण कराया गया था।
करीब तीन हजार करोड़ रुपये की लागत की जौहर यूनिवर्सिटी के साथ ही इस ट्रस्ट के माध्यम से इस वक्त रामपुर पब्लिक स्कूल संचालित किए जाते हैं। सपा शासन में जौहर ट्रस्ट की जौहर यूनिवर्सिटी और स्कूल उरूज पर थे,लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद जौहर ट्रस्ट पर लगातार संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन को बिना रुपये दिए भुगतान करने के आरोप लगे और इन दर्ज मुकदमें आज भी कोर्ट में विचाराधीन है। इसके अलावा शत्रु संपत्ति को कब्जाकर यूनिवर्सिटी में शामिल करने से लेकर तमाम आरोप लगते रहे हैं।
सत्ता में रहते हुए आजम खां ने जौहर शोध संस्थान की बिल्डिंग और जमीन की लीज पर जौहर ट्रस्ट के नाम पर एक सौ रुपये प्रतिवर्ष के दर पर करा ली थी। जिसे 2023 में कैबिनेट की बैठक में निरस्त कर दिया गया।
इस बिल्डिंग में जौहर ट्रस्ट की ओर से रामपुर पब्लिक स्कूल का संचालन किया जाता था, जिसे शासन के निर्देश पर खाली करा लिया गया। लगातार कसते शिकंजे के बीच सपा नेता और जौहर ट्रस्ट से जुड़े सदस्यों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
जौहर ट्रस्ट के इन सदस्यों की गई थी शिकायत
मोहम्मद आजम खां संस्थापक अध्यक्ष,मुश्ताक अहमद सिद्दीकी लखनऊ उपाध्यक्ष, डा.तजीन फात्मा सचिव, नसीर अहमद खां संयुक्त सचिव, निकहत अखलाक कोषाध्यक्ष, मोहम्मद अदीब आजम, मुन्नवर सलीम, मोहम्मद अब्दुल्ला आजम और सलीम कासिम सदस्य।
जौहर ट्रस्ट के सभी सदस्य हैं जमानत पर
रामपुर। जौहर ट्रस्ट के सभी सदस्य फिलहाल कोर्ट से जमानत पर चल रहे हैं। इन सदस्यों पर जमीन कब्जाने के साथ ही शत्रु संपत्ति कब्जाने के 12-12 मुकदमें दर्ज हैं। यह सभी सदस्य फिलहाल जमानत पर चल रहे हैं,जिनका ट्रायल एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट कोर्ट) में विचाराधीन है।