आधे यूपी पर मंडराया सूखे का खतरा: अलर्ट मोड में आई सरकार, सीएम ने दिया स्थिति के आकलन का आदेश

आधे यूपी पर मंडराया सूखे का खतरा: अलर्ट मोड में आई सरकार, सीएम ने दिया स्थिति के आकलन का आदेश



दिन में तेज धूप और उमस लोगों को परेशान किए हुए हैं।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


मानसून के धोखा देने से आधे प्रदेश में सूखे का खतरा पैदा हो गया है। प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करके अगस्त में स्थिति का आकलन करने का आदेश दिया है। धान उत्पादन में अग्रणी रूहेलखंड के पीलीभीत समेत पूर्वांचल के सात जिलों में सामान्य से 99 फीसदी तक कम बारिश हुई है। वहीं, 33 जिलों में 59 फीसदी तक कम वर्षा दर्ज की गई है।

उत्तर प्रदेश में 28 जुलाई तक 281.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जोकि सामान्य वर्षा 333.5 मिलीमीटर की 84.3 प्रतिशत है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिले ज्यादा संकट का सामना कर रहे हैं, क्योंकि वहां सामान्य से 64.8 प्रतिशत बारिश ही हुई है। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह 118.3 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई है। खरीफ में 96.20 लाख हेक्टेयर लक्ष्य के मुकाबले 78.71 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोआई हो सकी है। हालांकि, यह बोआई गत वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 5.52 प्रतिशत अधिक है। धान का रकबा 58.50 लाख हेक्टेयर रखने का लक्ष्य था, जो 27 जुलाई तक 50.35 लाख हेक्टेयर ही हासिल किया जा सका।

जलाशयों में पानी की भारी कमी

सिंचाई विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में स्थित 71 जलाशयों की कुल पानी की क्षमता 10883.67 एमसीएम है, जबकि इस समय इन जलाशयों में पानी की कुल उपलब्धता 2868.41 एमसीएम है। यह कुल क्षमता का मात्र 26.33 प्रतिशत है।

कब माना जाता है सूखा

लगातार 3-4 सप्ताह तक प्रति सप्ताह सामान्य से 50 प्रतिशत कम वर्षा होने पर सूखा घोषित करने पर विचार किया जाता है। बशर्ते, बोआई 75 प्रतिशत से कम हुई हो। वनस्पति की स्थिति, मिट्टी में नमी और जलाशयों व भूगर्भीय जल में कमी को भी सूखे के आकलन में शामिल किया जाता है।

हर 15 दिन पर देखे जाएंगे हालात

प्रदेश सरकार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सूखा मैनुअल के अनुसार, अगस्त में सूखा का आकलन किया जाए। प्रत्येक 15 दिन पर स्थिति की समीक्षा की जाए। अगस्त के प्रारंभ में अच्छी वर्षा की संभावना जताई गई है, इसको देखते हुए आगे निर्णय लिया जाएगा। ऐसे क्षेत्र जहां जलाशयों में पानी कम है, वहां पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल योजना बनाने के लिए कहा गया है।

इन जिलों में 60-99 फीसदी तक कम वर्षा

पीलीभीत, संतकबीरनगर, मऊ, मिर्जापुर, देवरिया, कुशीनगर, कौशाम्बी

इन 33 जिलों में 20-59 फीसदी तक कम वर्षा

खीरी, उन्नाव, अम्बेडकरनगर, मथुरा, शाहजहांपुर, रायबरेली, हाथरस, अयोध्या, बहराइच, शामली, हरदोई, गाजीपुर, अमेठी, सुल्तानपुर, सोनभद्र, बलिया, सिद्धार्थनगर, गाजियाबाद, फतेहपुर, गोरखपुर, गौतमबुद्धनगर, गोंडा, प्रतापगढ़, जौनपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, चित्रकूट, महराजगंज, सीतापुर, भदोही, बस्ती, चंदौली और श्रावस्ती।

 



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *