गोरखपुर आईसीएमआर आरएमआरसी।
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मलेरिया जैसे लक्षण वाले रोगी तो बहुत हैं, लेकिन जांच में उनकी पुष्टि नहीं हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने इस वर्ष जिन 95,177 स्लाइड का परीक्षण किया है, उसमें से केवल तीन लोगों में ही मलेरिया की पुष्टि हुई है।
पिछले पांच सालों से इसी प्रकार स्लाइड बन रहे हैं, लेकिन मरीज ट्रेस नहीं हो रहे हैं। अब रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर के तीन वैज्ञानिक इस बात की जांच कर रहे हैं कि कहीं पैरासाइट्स का स्वरूप तो नहीं बदल रहा। अगर ऐसा हुआ तो जांच के तरीके में भी बदलाव करना होगा
पूर्वांचल में जेई और एईएस के अलावा फाइलेरिया, मलेरिया, कालाजार समेत बुखार के अलग-अलग स्वरूप सामने आते हैं। पिछले तीन-चार वर्षों से मलेरिया जैसे लक्षण वाले मरीज तो अस्पतालों में आ रहे हैं, लेकिन जांच में उनकी पुष्टि नहीं हो रही है।