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– फोटो : अमर उजाला
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जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के दौर में 110 मंदिरों को नुकसान पहुंचा है। इन्हें या तो आतंकियों की ओर से तोड़ा गया या जलाया गया या फिर वे किसी अन्य रूप में क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें 94 कश्मीर तथा 16 जम्मू संभाग के हैं। यह खुलासा जम्मू के गौतम आनंद की ओर से सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी पर सरकार के जवाब से हुआ है। हालांकि, गौतम का दावा है कि उन्होंने विभिन्न जिलों से अलग अलग आरटीआई के जरिये 700 से अधिक मंदिरों की जानकारी जुटाई हैं।
कश्मीर पुलिस मुख्यालय की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि कश्मीर में सात मंदिरों को आतंकियों की ओर से नुकसान पहुंचाया गया है। इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। आठ मंदिरों को आग से नुकसान पहुंचा है। पांच मंदिरें बाढ़ की वजह से क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि 73 मंदिरों को अन्य कारणों से नुकसान पहुंचा है। इसी प्रकार जम्मू संभाग में 16 मंदिरों को आतंकियों की ओर से नष्ट किया गया है। इनमें से डोडा जिले के 14 मंदिर हैं जिन्हें आतंकियों ने जलाकर नष्ट किया।
इन मामलों में आतंकियों की पहचान न होने की वजह से इनके मुकदमे बंद कर दिए गए हैं। यह सभी मामले 1992, 1993, 1995, 1996, 2001 व 2008 के हैं। किश्तवाड़ जिले में दो मंदिरों को नुकसान पहुंचा है। इनमें मुगल मैदान के मेहर गोसावन मंदिर को आतंकियों ने 15 दिसंबर को जला दिया था। आतंकियों की पहचान न होने के कारण इन फाइलों को बंद कर दिया गया है। इसी प्रकार रेहंगो देवता मंदिर भी 2016 में जलने की वजह से नष्ट हुआ है।
आरटीआई से उपलब्ध जानकारी के अनुसार पुलवामा जिले में 47 मंदिर, धर्मशाला व पाठशालाएं थीं, जिनमें 21 नष्ट हो गई हैं। 26 अब भी सुरक्षित हैं। इन मंदिरों के अधीन 115 कनाल तथा 17 मरला जमीन है। पहलगाम में तीन मंदिर थे, जिनमें गणेश मंदिर नुनवान 1992 में बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया। गांदरबल जिले के तुलमुला में माता खीर भवानी, लाबू शाह तथा शिव मंदिर थे। यहां के तीन में से लाबू शाह मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया है। गांदरबल जिले के ही लार तहसील में वंदहामा गांव स्थित मंदिर तथा लार में राजा सभा मंदिर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। अनंतनाग में 128 मंदिर में से 57 क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बारामुला में 58 में से 33 मंदिर किसी न किसी वजह से क्षतिग्रस्त हालात में हैं।
मंदिर-गुरुद्वारे की जमीनों के अवैध लीज की एसआईटी जांच
कश्मीर में अल्पसंख्यकों के मंदिर तथा गुरुद्वारा की जमीनों पर अवैध कब्जे तथा अवैध लीज की शिकायतें राज्य प्रशासन के पास पहुंची हैं। इस पर उप राज्यपाल सचिवालय के निगरानी प्रकोष्ठ ने मंडलायुक्त कश्मीर से जानकारी मांगी है। सूत्रों ने बताया कि मंडलायुक्त कार्यालय से इस पूरे प्रकरण की मार्च 2023 में एसआईटी जांच के आदेश दिए गए। इसके साथ ही मंडलायुक्त कार्यालय से सभी जिलों अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल, बांदीपोरा, बारामुला व कुपवाड़ा के डीसी को पत्र भेजकर अपने अपने जिले में मंदिरों तथा अल्पसंख्यकों के धार्मिक संस्थाओं की जमीन के लीज तथा अवैध कब्जे की जानकारी मांगी गई थी। जम्मू कश्मीर सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से सितंबर 2022 में कश्मीर व जम्मू दोनों संभाग के मंडलायुक्त को पत्र जारी कर हिदायत दी गई थी कि आतंकियों की ओर से नष्ट की गई मंदिरों का पुननिर्माण कराया जाए।
क्षतिग्रस्त मंदिरों का रखरखाव हो। आतंकियों की ओर से नष्ट की गई मंदिरों की भूमि का उपयोग गुरुकुल चलाने, क्लीनिक खोलने आदि कामों में किया जाए। जितनी भी जमीन पर कब्जे हुए हैं, उन्हें मुक्त कराया जाए। सरकार को चाहिए कि इस दिशा में प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाए ताकि देशभर में विश्वास का माहौल बन सके।
– गौतम आनंद