इलाहबाद हाईकोर्ट
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस जिले के पीपलगंवा गांव में 15 साल पहले मनरेगा के तहत नाली नालों के निर्माण में सरकारी धन के गबन मामले में गांव की तत्कालीन प्रधान कांता देवी की जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह की अदालत ने दिया।
कांता देवी 25 जुलाई से जेल में है। 15 साल पहले हुए मनरेगा घोटाले में तत्कालीन प्रधान कांता देवी समेत दस लोगों के खिलाफ विजलेंस जांच के बाद सिकंदराराऊ थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मामले में हाथरस के तत्कालीन जिला पंचायत अधिकारी जगदीश प्रसाद अहिरवार, ग्राम पंचायत अधिकारी प्रकाश वीर सिंह, ग्राम विकास अधिकारी सूरजपाल सिंह, ईश्वर चन्द, लघु सिंचाई विभाग के तत्कालीन अवर अभियंता सौदान सिंह, ग्राम अगसौली की तत्कालीन प्रधान विमलेश कुमारी, सेवानिवृत हो चुके सहायक विकास अधिकारी भगवत सिंह और सिकंदराराउ ब्लॉक के तत्कालीन खंड विकास अधिकारी को आरोपी बनाया गया था।
विजलेंस के निरीक्षक कंचन लाल वर्मा की ओर से दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने मनरेगा के तहत नाले के निर्माण के लिए शासन द्वारा अवमुक्त लगभग साढ़े तीन लाख रुपये का दुरुपयोग किया। बिना नाले का काम कराए भुगतान किया। काम में लगे जिन श्रमिकों का अंगूठा लगा कर रुपये निकाले गए, वो वास्तव में पढ़े लिखे थे और उन्होंने काम करने और मजदूरी पाने की बात से इन्कार कर दिया था।