पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान
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समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जमीरउल्लाह को भाजपा नेता ब्रजेश कंटक की ओर से दर्ज कराए गए विवादित बयान देने संबंधी मुकदमे में राहत मिल गई है। सपा नेता ने वर्ष 2017 में बयान दिया था कि ऐसे लोगों की जीभ काट लें। इसी शीर्षक से समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर से आहत होकर ब्रजेश कंटक ने देहली गेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। भडक़ाऊ बयान व धमकी की धाराओं से जुड़े इस मुकदमे में एमपीएमएलए मामलों की सुनवाई वाली अदालत एसीजेएम प्रथम संदीप सिंह ने पूर्व विधायक को बरी कर दिया है।
महावीरगंज छतरी वाला कुआं निवासी भाजपा नेता ब्रजेश कंटक की ओर से 13 अप्रैल 2017 को देहली गेट में यह मुकदमा दर्ज कराया था कि वे सुबह नौ बजे समाचार पत्र पढ़ रहे थे। जिसमें पूर्व विधायक जमीरउल्लाह की ओर से दिया गया यह बयान प्रकाशित हुआ था। उस समय उनके पास उनके परिचित अंशुल गुप्ता, नितिन राजानी व पारस गुप्ता बैठे थे। इस बयान से वे बहुत आहत हुए। साथ में तीन चार लोग आए और यह कहते हुए चले गए कि तुम बहुत बड़े हिंदूवादी बनते हो। भाजपा की सरकार है। इस बयान को पढक़र तो चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए। इससे आहत होकर वे मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे।
मामले में पुलिस ने जमीरउल्लाह के खिलाफ भडक़ाऊ बयान की धारा 153 ए व धमकी की धारा 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया। विवेचना के बाद पूर्व विधायक के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई। न्यायालय में विचारण के दौरान वादी के अलावा तीनों गवाह तलब किए गए और विवेचक आदि को तलब किया गया। मगर न्यायालय में यह बात साबित नहीं हो पाई कि विवेचक ने पूर्व विधायक का बयान लेने वाले और प्रकाशित करने वाले प्रतिनिधियों की गवाही दर्ज नहीं की। साथ में यह भी साबित नहीं हो पाया कि यह बयान व्यक्ति विशेष के लिए था या किसी वर्ग या समाज विशेष के लिए दिया गया था। इन तथ्यों को आधार मानते हुए न्यायालय ने मंगलवार को पूर्व विधायक को बरी कर दिया है। यह जानकारी देते हुए पूर्व विधायक के अधिवक्ता आले-नवी ने बताया कि न्यायालय ने उनकी दलीलों के आधार पर पूर्व विधायक को राहत दी है।