ओडिशा विधानसभा
– फोटो : odishaassembly.nic.in
ओडिशा विधानसभा में एक अमर्यादित घटना सामने आई है। यहां विपक्ष के दो विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर दाल फेंक दी। हालांकि, बाद उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया है। मामले में दाल फेंकने वाले विधायकों ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। हमने दाल नहीं फेंकी है। वहीं, मुख्यमंत्री का कहना है कि गंभीर मुद्दों का राजनीतिकरण देख दुख होता है।
यह है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा विधानसभा सत्र की कार्यवाही के दौरान भाजपा द्वारा पूछे गए सवालों को विधानसभा स्पीकर प्रमिला मलिक ने खारिज कर दिया था। गुरुवार को इसी बात से आहत भाजपा के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने भाजपा विधायक मुकेश महालिंग के साथ विस अध्यक्ष के आसन की ओर दाल फेंक दी। बता दें, सत्ता और विपक्षी विधायक पहले भी इसी बात पर आपस में भिड़ चुके हैं। अध्यक्ष ने कार्रवाई करते हुए दोनों विधायकों को वर्तमान सत्र के शेष दिनों तक के लिए निलंबित कर दिया है। बता दें, मौजूदा सत्र चार अक्तूबर तक जारी रहेगा।
ओडिशा सीएम ने जताया दुख
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मामले में टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि मामला संवेदनशील है और इसका राजनीतिकरण देख दुख होता है। आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले विधायकों को दोबारा नहीं चुना जा सकता।
दल नहीं फेंका, मामला झूठा है
विधानसभा से निलंबित किए जाने पर बीजेपी विधायक मोहन चरण माझी ने कहा कि मैंने स्पीकर पर दाल फेंका ही नहीं। यह झूठा मामला है। मैंने यह नहीं किया है। मुझे गलत सजा दी रही है। वहीं, दूसरे निलंबित विधायक मुकेश महालिंग ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने अलोकतांत्रिक तरीके से मुझे निलंबित किया है। मैंने अपने साथी विधायक के साथ सिर्फ विरोध किया था, जिसके वजह से हम दोनों को निलंबित कर दिया गया। स्पीकर पिछले कार्यकाल में मंत्री थीं और उन पर दाल घोटाले का आरोप है, इसलिए हमने उन्हें दाल भेंट की और उन्होंने इससे आहत होकर उन्होंने हमें निलंबित कर दिया।