25 साल तक खुद को रंगमंच पर तपाने के बाद अभिनेता गगन देव रियर को पहली बार हंसल मेहता की सीरीज ‘स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी’ में लीड भूमिका निभाने का मौका मिला है। गगन देव खुद को सौभाग्यशाली मानते है कि उन्हें पहली बार ही बार में इतना बड़ा मौका मिला। गगन देव को एक्टर बनाने का सपना उनके पिता देवेंद्र सिंह का था। ‘अमर उजाला’ से खास बातचीत के दौरान गगन देव ने बहुत भावुक होकर कहा कि इस बात का उन्हें जिंदगी भर मलाल रहेगा कि आज का यह दिन उनके पिता नहीं देख पाए। गगन ने मुंबई के प्रतिष्ठित थियेटर ग्रुप यात्री में नौ साल तक तमाम नाटक किए हैं और इस ग्रुप से निकलने वाले अभिनेताओं की सूची में उनका नाम सबसे ताजा है…
वेब सीरीज ‘स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी’ से आपकी बहुत अच्छी शुरुआत हो रही है, इस सीरीज से जुड़ने की यात्रा कैसी रही?
बहुत ही मजेदार और चुनौतीपूर्ण यात्रा रही है। यह किरदार पूरी जिंदगी भर के लिए यादगार रहेगा। इस किरदार के लिए मेरे सामने सबसे बड़ी चुनौती वजन बढ़ाना और उसे मेंटेन करना था। वजन बढ़ाने में मैंने पांच छह महीने लगाए, मुझे बहुत कुछ खाना पड़ा, हालांकि मैं खाने का शौकीन बिलकुल भी नहीं हूं। मुझे दिन भर में पांच बार कुछ न कुछ खाना पड़ता था। शूटिंग के दौरान वजन को मेंटेन करना बहुत चैलेंजिंग था। यह सीरीज मुझे मई 2021 में ऑफर हुई थी और शूटिंग अप्रैल 2022 में शूटिंग शुरू हुई। इस दौरान अपना वजन 66 किलो से 96 तक बढ़ाया।
इस सीरीज के लिए हंसल मेहता ने आपकी तलाश कैसे की?
हंसल मेहता सर ऐसे इंसान है कि पूरी दुनिया की खबर रखते हैं। वह नई नई प्रतिभाओं को ढूंढते रहते हैं। प्रतीक गांधी को ढूंढकर निकाला। वह बहुत सारे प्रोग्राम देखते रहते हैं। उन्होंने मुझे अभिषेक चौबे की फिल्म ‘सोनचिरैया’ में देखा था। शायद उनको वहीं पर लगा होगा कि मैं तेलगी का किरदार निभा सकता हूं। उन्होंने कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा से मेरा ऑडिशन मंगवाया। मुकेश मुझे जानते हैं, उन्होंने पृथ्वी थियेटर पर आकर मेरे बहुत सारे नाटक देखे हैं। उनके लिए पहले भी ऑडिशन किए हुए हैं। लेकिन जब ‘स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी’ के लिए पहली बार ऑडिशन दिया था तो ऑडिशन ठीक नहीं हुआ।
फिर?
दरअसल, मुझे इस किरदार के लिए जब मुकेश छाबड़ा ने बुलाया और कहा कि इस किरदार के सिर्फ तुम ही च्वाइस हो, अभी तक और किसी को नहीं बुलाया गया है तो मैं काफी दबाव महसूस करने लगा। इस वजह से मेरा पहला ऑडिशन सफल नहीं हुआ। मुकेश छाबड़ा ने कहा कि कुछ मजा नहीं आ रहा है, कुछ मजा लेकर आओ। मैंने थियेटर में तुम्हारी परफारमेंस देखी है, इतना कुछ तो करते हो। मैंने तीन -चार दिन का समय मांगा और तैयारी करके गया। उनके बाद उनको मेरा ऑडिशन पसंद आया। इस किरदार को निभाने के लिए सबसे बड़ा चैलेंज मेरे सामने यह रहा कि मुझे इस लुक को कहीं रिवील भी नहीं करना था। एक साल तक घर पर ही बैठा रहा। बहुत मुश्किल तो था कि कोई काम नहीं हो रहा, बोरियत महसूस हो रही है। लेकिन सबसे बड़ा मोटिवेशन तो यही था कि इतना बड़ा दमदार किरदार निभाने का मौका मिला।
तेलगी के किरदार के लिए आपकी अपनी क्या तैयारी थी?
मुझे इस किरदार के लिए कुछ अलग से तैयारी नहीं करनी पड़ी। हंसल मेहता ने कहा था कि इस किरदार को दुनिया के नजर से मत देखना। अगर दुनिया की नजर से देखोगे तो जज करोगे, तुम्हें इसे अपने नजरिए से ईमानदारी से देखना पड़ेगा। इसलिए तुम्हें सिर्फ स्क्रिप्ट पर ही ध्यान देना है। मैंने इस किरदार को मॉडर्न रॉबिन हुड की तरह निभाया है कि मैं हीरो हूं और सिस्टम के खिलाफ लड़ रहा हूं। हंसल सर का बड़ा ही साधारण सा निर्देशन था कि तुम इस किरदार को विलेन मत समझना। किरदार की ईमानदारी को बरकरार रखना है, क्योंकि हर इंसान खुद की नजर में हीरो ही होता है।