मुरादाबाद।
रामपुर कोर्ट से शुक्रवार को कारतूस कांड में दस साल की सजा पाने वाले नाथीराम सैनी को पकड़ने के लिए एसटीएफ अफसरों ने ग्राहक बनकर जाल बिछाया था। पुलिस अकादमी के आर्मोरर नाथीराम सैनी को जिस सौदागर को कारतूसों की सप्लाई देनी थी, एसटीएफ ने उसे रामपुर में दबोच लिया था। पूछताछ में एसटीएफ को नाथीराम के बारे में जानकारी मिली थी। एटीएसफ के अफसरों ने कोड नंबर बताया तो नाथीराम ने 400 कारतूसों से भरा बैग उन्हें थमा दिया था।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ जवानों पर नक्सली हमला हुआ था। जांच पड़ताल में केंद्रीय एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि हमले में सरकारी कारतूसों का इस्तेमाल किया गया। ये भी जानकारी हुई थी कि कारतूसों की सप्लाई यूपी के जिलों से की गई थी। इनपुट मिलने के बाद एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी थी। जिसमें सामने आया था कि पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ के शस्त्रागारों से ही कारतूस और हथियारों की सप्लाई की गई थी। इसके बाद गोपनीय तरीके से पुलिस और सीआरपीएफ के शस्त्रागारों में कारतूसों और हथियारों की गिनती शुरू की गई थी। मुरादाबाद में भी शस्त्रागारों में कारतूस और हथियारों की गिनती गई थी लेकिन सभी रिकॉर्ड दुरुस्त मिले थे। इसके बाद भी एसटीएफ ने जांच बंद नहीं की थी। इसी बीच एसटीएफ ने रामपुर में चाय के खोखे से कारतूस के एक सौदागर को उठाया था। उसने ही बताया था कि 29 अप्रैल 2010 को मुरादाबाद रेलवे स्टेशन के पास पुलिस अकादमी के आर्मोरर नाथीराम सैनी से कारतूसों की सप्लाई लेनी है। उसे एक विशेष कोड बताया जाएगा, तब ही वह सप्लाई देगा। एसटीएफ अफसर 29 अप्रैल की सुबह दस बजे रेलवे स्टेशन के पास पहुंचे। इस बीच नाथीराम सैनी स्कूटर से वहां पहुंचा। अफसरों द्वारा कोड नंबर बताने पर नाथीराम ने अपने स्कूटर की डिग्गी से एक थैला निकालकर उन्हें थमा दिया था। जिसमें 400 कारतूस थे। टीम ने उसे दबोच लिया था। इसके बाद कारतूस कांड का खुलासा हुआ था।
रामपुर से ट्रांसफर होकर मुरादाबाद आया था नाथीराम
मुरादाबाद। शामली जनपद के भवन थाना क्षेत्र के जलालपुर निवासी नाथीराम सैनी यूपी पुलिस में आर्म्स पुलिस (एपी) में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था। मुरादाबाद में ट्रांसफर होने से पहले वह रामपुर में ही तैनात था। तीन साल पहले तैनाती के दौरान ही नाथीराम सैनी की कारतूसों के सौदागरों से मुलाकात हुई थी। रामपुर में तैनाती के दौरान नाथीराम ने कारतूसों की सप्लाई की थी या नहीं। इसके तो टीम को साक्ष्य नहीं मिले थे लेकिन उसकी कारतूस के सौदागरों से यारी रामपुर की ही बताई गई थी।
नाथीराम के आवास से भी मिला था टीम को सामान
मुरादाबाद। नाथीराम सैनी को कारतूसों की सप्लाई करने के आरोप में एसटीएफ ने रंगे हाथ दबोच लिया था। टीम उसे लेकर पुलिस अकादमी में पहुंची थी। एसटीएफ के अफसरों ने पुलिस अकादमी के तत्कालीन एडीजी बाबूलाल यादव को पूरे मामले की जानकारी दी थी। इसके बाद पुलिस अकादमी के अफसरों की मौजूदगी में एसटीएफ ने आवासीय परिसर में नाथीराम के आवास की तलाशी ली थी। टीम ने यहां से भी सामान बरामद किया था।