सांकेतिक तस्वीर
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भारत में इन दिनों सीमा हैदर खूब चर्चा में हैं। सीमा हैदर को भारत के एक व्यापारी ने तो 50 हजार रुपये तक की सैलरी का ऑफर तक दे दिया है वहीं एक फिल्म बनाने कंपनी ने भी सीमा हैदर से संपर्क किया है। इतना ही नहीं अठावले की पार्टी ने तो लोकसभा चुनाव में उतारने तक की बात कह दी है। लेकिन सीमा हैदर का नेपाल बॉर्डर पार करके आना भारत के दो सशस्त्र जवानों पर भारी पड़ गया। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा करने वाली एसएसबी ने लापरवाही के चलते एक इंस्पेक्टर और एक जवान को निलंबित कर दिया है।
सूत्रों ने बताया कि सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जवानों ने उस बस की जांच में कथित लापरवाही की जिसमें सीमा हैदर थी, जो अब दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा पहुंच चुकी है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 43वीं बटालियन के इंस्पेक्टर सुजीत कुमार वर्मा और हेड कांस्टेबल चंद्र कमल कलिता को 13 मई को उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले सिद्धार्थ नगर में यात्री वाहन की जांच करने के लिए जिम्मेदार माना गया है। इसी बस में सीमा हैदर अपने चार बच्चों के साथ सवार थी।
सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि इस पूरे मामले की जांच जा रही है और एसएसबी इंस्पेक्टर और जवान को पूरी जांच होने तक निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ पूर्ण अदालती जांच प्रक्रिया शुरू होगी और उस दिन ड्यूटी पर मौजूद अन्य कर्मियों की भूमिका के अलावा, घटना के उन सभी पहलुओं की अब जांच की जाएगी और उन सबसे को जांच के दायरे में लाया जाएगा जो उस समय मौजूद थे।
हालांकि सीमा हैदर की गिरफ्तारी की बात भी सामने आई थी, लेकिन सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। बता दें कि एसएसबी, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन एक अर्धसैनिक बल है, जिसे देश के पूर्वी हिस्से पर खुले 1,751 किलोमीटर लंबे भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय मोर्चे की सुरक्षा का काम सौंपा गया है।
सूत्रों ने कहा कि नेपाल से भारत में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की पहचान की जांच करना और उसकी तलाशी लेना मानवीय रूप से असंभव है क्योंकि यह एक खुली सीमा है और दोनों देशों के नागरिक बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। हालांकि किसी तीसरे देश के नागरिकों को वैध वीजा और यात्रा दस्तावेजों के बिना इस सीमा को पार करने की अनुमति नहीं है।