काशी में बोले डीआरडीओ चेयरमैन: ‘कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, सफलता के लिए मैं विश्वनाथ के दर्शन करने आऊंगा’

काशी में बोले डीआरडीओ चेयरमैन: ‘कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, सफलता के लिए मैं विश्वनाथ के दर्शन करने आऊंगा’



डीआरडीओ चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


डीआरडीओ चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत ने कहा कि धर्म, धर्म है और विज्ञान, विज्ञान…। सबकी अपनी मान्यता, अपनी सोच है। धर्म के प्रति सबकी अपनी मान्यता और अपनी आस्था है। चंद्रयान-3 लॉन्च होने से पहले इसरो प्रमुख मंदिर दर्शन करने गए थे, आप धर्म और विज्ञान को कैसे देखते हैं? इस सवाल के जवाब में डॉ. कामत ने ये बातें कहीं। 

आईआईटी बीएचयू में बने डीआरडीओ सेंटर के उद्घाटन के दौरान पत्रकारों ने जब कहा कि इसरो चीफ ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले उज्जैन में महाकालेश्वर के दर्शन किए थे और उन्हें सफलता मिल गई। इस पर उन्होंने कहा कि मैं भी कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा हूं। उन परियोजनाओं की सफलता के लिए मैं भी काशी विश्वनाथ के दर्शन करने आऊंगा। चेयरमैन ने कहा कि 15 शिक्षण संस्थानों में डीआरडीओ सेंटर खोले गए हैं। पूर्वांचल का यह पहला सेंटर है। हमें उम्मीद है ये सेंटर पूर्वांचल के लिए हब बनेगा। उन्होंने कहा कि आईआईटी बीएचयू जो नई तकनीकी विकसित करेगा उसे डीआरडीओ अपने सिस्टम में उपयोग करेगा। इस केंद्र में माइक्रोवेव टेक्नोलॉजी पर काम होगा। डीआरडीओ के 41 लैब हैं और इनमें पांच ऐसे लैब हैं, जहां निदेशक की जिम्मेदारी 35 साल से कम उम्र के युवा वैज्ञानिकों के कंधों पर है।

चाइना वायरस बना रहा है। डीआरडीओ अपने सैनिकों को इससे कैसे सुरक्षित रखेगा?

वायरस से बचाव के लिए हम बायो डिफेंस पर काम रहे हैं। डीआरडीओ का एक बायो डिफेंस चार्टर है। सैनिकों की सुरक्षा के लिए ऐसी कई नई तकनीक पर काम हो रहा है। 

रक्षा के क्षेत्र में आगे चीन, अमेरिका और इज्राइल के मुकाबले हम टेक्नालॉजी में कहां हैं..?

अमेरिका और चीन हमसे आगे हैं। लेकिन आने वाले 10 से 15 साल में हम उनके बराबर होंगे। पहले हम केवल आयात करते थे लेकिन, इस साल हमने रक्षा उपकरणों का दो बिलियन निर्यात किया है। ब्रह्मोस और तेजस आदि को लेकर कई देशों से इनक्वायरी आ रही है।

अग्नि-6 मिसाइल का लंबे समय से इंतजार है, कब तक आ जाएगी..?

सरकार ने अभी इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति नहीं दी है। इसलिए अग्नि -6 मिसाइल पर कुछ बोल नहीं सकते हैं।



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