श्री दुर्ग्याणा तीर्थ अमृतसर की पहली महिला अध्यक्ष प्रो. लक्ष्मीकांता चावला
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मंदिरों को भक्ति के साथ शक्ति का केंद्र होना चाहिए। गरीबों को भोजन के साथ ही कपड़े और शिक्षा मिलनी चाहिए। मंदिर प्रबंधन इस मामले में संकोच कर रहे हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर व्यवस्था बनाने के लिए प्रयासरत हैं। मंदिरों का प्रबंधन पूरी तरह से भक्तों के पास होना चाहिए। अगर भक्तों के पास प्रबंधन होगा तो परेशानियां नहीं आएंगी। यह कहना है श्री दुर्ग्याणा तीर्थ अमृतसर की पहली महिला अध्यक्ष प्रो. लक्ष्मीकांता चावला का।
शनिवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित मंदिरों के महासम्मेलन में प्रो. चावला ने कहा कि हर कोई मंदिरों का लाभ लेना चाहता है। अभी तो हालत यह है कि शाम को मांस खाने और शराब पीने वाले सुबह मंदिरों के अधिकारी बन जाते हैं। पंजाब के मंदिरों में तो यह बुराई आ गई है। मैं, उत्तर भारत में किसी मंदिर की पहली महिला अध्यक्ष हूं और इसके खिलाफ निरंतर आवाज उठा रही हूं।
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