एएमयू
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एएमयू के रवैये पर एक बार फिर लगातार दो मुद्दों में सख्त रुख न अपनाने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। अभी चार दिन पहले ही एनआईए द्वारा आईएसआईएस एजेंट के रूप में गिरफ्तार किए गए छात्र फैजान अंसारी पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई।
अब हॉस्टल के कमरे में बाहरियों द्वारा एक युवक को लाकर पीटने के मामले में भी पुलिस कार्रवाई का इंतजार है। कहने को वीडियो में कैद एएमयू के ही छात्र नेता ने यह बात स्वीकारी है कि घटना उनके हॉस्टल में उनके कमरे के बगल में हुई है। ऐसे में एएमयू हाईकोर्ट की उस टिप्पणी का पालन करती नजर नहीं आ रही, जिसमें अपराधियों और बाहरियों पर अंकुश के लिए मुकम्मल इंतजाम की बात कही गई है।
ये बात ज्यादा पुरानी नहीं, जब सीएए-एनआरसी प्रदर्शन से जुड़े उपद्रव में लाठीचार्ज-फायरिंग के खिलाफ छात्रों के गुटों की ओर से हाईकोर्ट में अर्जी दायर की गई। जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अर्जी तो खारिज कर दी थी। मगर यह टिप्पणी जरूर एएमयू पर की थी कि कैंपस में बाहरियों व अपराधियों पर रोक के लिए ठोस इंतजाम किए जाएं। कैंपस में सुरक्षा का माहौल बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। बावजूद इसके लगातार एएमयू में आपराधिक घटनाएं सामने आ रही हैं। अभी कैंपस खुलते ही एक मारपीट की घटना लाइब्रेरी के पास हुई। जिसे एएमयू से झूठा करार दे दिया।
इसके बाद एक आतंकी बने एएमयू छात्र को झारखंड से पकड़ा जाता है। अभी वह एनआईए की रिमांड पर है और उससे एएमयू व अलीगढ़ से जुड़े संपर्को को लेकर पूछताछ जारी है। उसे यहां लाया भी जा सकता है। उसके निलंबन या उस पर कार्रवाई के मामले में दलील है कि कोई लिखित जानकारी एनआईए या अन्य किसी एजेंसी ने नहीं थी। इसके बाद अब हॉस्टल में बाहरी एक युवक को लाकर पीटते हैं और बाहरियों के इस अंदाज को मारपीट का वीडियो बयां करता है, जैसे वह अपने घर में किसी को पीट रहे हैं। उसमें कैद एक छात्र नेता फरहान जुबैरी स्वीकारते हैं कि घटना उनके हॉल में उनके कमरे के बगल में हुई है। मगर एएमयू अभी तक उस दिशा में भी कार्रवाई के बजाय पुलिस जांच में दोषी पाए जाने का इंतजार कर रही है। ऐसे में इंतजामिया से सुरक्षा के माहौल पर सवाल हो रहे हैं।