खुलासा : G20 सम्मेलन के दौरान ट्रूडो ने भारतीय सुरक्षा लेने से कर दिया था मना, दो दिन नहीं निकले कमरे से बाहर

खुलासा : G20 सम्मेलन के दौरान ट्रूडो ने भारतीय सुरक्षा लेने से कर दिया था मना, दो दिन नहीं निकले कमरे से बाहर



Canadian Prime Minister Justin Trudeau

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खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर बेतुका बयान देने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जी-20 सम्मेलन के दौरान ही नाराज व परेशान दिख रहे थे। उन्होंने ललित होटल में भारतीय सुरक्षा लेने से मना कर दिया था। वे दो दिन तक होटल से बाहर भी नहीं निकले थे। सूत्रों का कहना है कि वे होटल में बहुत परेशान थे। बड़ी बात ये है कि राष्ट्रपति की ओर से प्रगति मैदान में दिए गए डिनर में भी ट्रूडो शामिल नहीं हुए थे।

सम्मेलन के दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रूडो बाराखंभा रोड स्थित द ललित होटल की 16वीं मंजिल में सुइट में ठहरे थे। दिल्ली आते ही उन्होंने भारतीय सुरक्षा व गाड़ी लेने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि उनकी गाड़ी लैंड क्रूजर कनाडा से आई है। सुरक्षा भी साथ आई है। यहां तक कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के पीएसओ को भी लेने से मना कर दिया था। पीएसओ को कनाडाई सुरक्षा घेरे से आगे जाने नहीं दिया गया था। पीएसओ सिर्फ उन्हें रास्ता बताने के लिए तैनात रहा। 

ट्रूडो 9 सितंबर को जी-20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए सुबह नौ बजे होटल से निकल गए थे। इसके बाद शाम 4:30 बजे वापस होटल आ गए। इसके बाद वे राष्ट्रपति की ओर से प्रगति मैदान में दिए गए डिनर में शामिल नहीं हुए। डिनर में शामिल नहीं होना चर्चा का विषय बना था। 10 सितंबर की सुबह वे समय से राजघाट गए। इसके बाद प्रगति मैदान पहुंचे। सम्मेलन में शामिल होने के बाद होटल पहुंचे। जब होटल से एयरपोर्ट जाने के लिए दोपहर तीन बजे निकल रहे थे कि तो मैसेज आ गया कि उनका जहाज खराब हो गया है। इसके बाद वे होटल में ठहर गए।

दो दिन तक होटल के कमरे में रहे

ट्रूडो दो दिन तक सुइट से बिल्कुल बाहर नहीं निकले। उन्होंने कहा था कि वे कहीं जाएंगे, लेकिन बाद में नहीं गए। इसके बाद वे 12 सितंबर को दोपहर एक बजे एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। इसी होटल में जापान के प्रधानमंत्री भी रुके थे।

काफिले में 16-17 गाड़ियां थीं तैनात

ट्रूडो के काफिले में 16-17 गाड़ियां थीं। सबसे आगे पायलट के रूप में स्कोर्पियो थी। फिर एसीपी रूट की गाड़ी थी। इसके बाद चार इनोवा थीं व जी-20 की गाड़ी थी। इनमें दिल्ली पुलिस के सुरक्षा जवान, सीआईएसएफ समेत सभी सुरक्षा एजेंसियों के जवान थे। सबसे पीछे वैनिटी वैन (मर्सिडीज बस) थी। 



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