डीएम कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते स्थानी नागरिक।
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गोरखपुर शहर के बीचोबीच होकर जाने वाले गोड़धोइया नाला के जीर्णोद्धार से प्रभावित लोगों ने मंगलवार की सुबह डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। घंटों इंतजार के बाद जब डीएम कृष्णा करुणेश से मुलाकात नहीं हो पाई तो दोपहर दो बजे लोग उनके आवास पर पहुंच गए। डीएम ने पांच लोगों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर उनकी मांगें सुनीं। डीएम ने दो टूक कहा कि ग्रीन लैंड पर आप लोगों ने मकान बनवाया है। सीएम सिटी होने की वजह से यहां मुआवजा भी मिल जा रहा है। लखनऊ में एक रुपया नहीं दिया गया..।
डीएम से बातचीत के बाद करीब साढ़े तीन बजे लोग लौट गए। अब सभी सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर मदद की गुहार लगाएंगे। इस दौरान डीएम आवास के सामने सड़क पर जाम भी लगा रहा। मकानों को टूटने से बचाने की आस में गोड़धोइया नाले के किनारे बसे बिछिया, राजनगर, बशारतपुर पूर्व सहित अन्य मोहल्लों के सैकड़ों लोग मंगलवार की सुबह दस बजे डीएम कार्यालय पहुंचे।
गोड़धोइया नाला-घर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन करके अपनी मांग रखी। सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक उनकी मुलाकात डीएम से नहीं हो सकी। इससे गुस्साए लोग हरिओम नगर स्थित डीएम के आवास पर पहुंच गए। लोगों की भीड़ से सड़क पर जाम लग गया। इसकी जानकारी होने पर डीएम ने पांच लोगों को बात करने के लिए बुलाया।
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मिलकर लौटे अमर उपाध्याय, जगशेर सिंह और सुमन सिंह सहित अन्य लोगाें ने बताया कि डीएम ने गोलमोल बात करके मामला टाल दिया। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का हवाला देते हुए डीएम ने कहा कि इस पर कोई मुआवजा नहीं दिया जाना चाहिए, लेकिन सीएम सिटी होने की वजह से यहां पर मुआवजा दिया जा रहा है। डीएम से मिलने के बाद लोग करीब साढ़े तीन बजे लौट गए। लोगों का कहना है कि बुधवार को इस मामले में बैठक करेंगे। इसके बाद सीएम से मिलकर मदद की गुहार लगाई जाएगी।