चिंताजनक: अंतरिक्ष में 8,400 टन कचरा, एक भी टुकड़ा कहीं गिरा तो होगी तबाही; बेहतर निगरानी से समस्या का निदान

चिंताजनक: अंतरिक्ष में 8,400 टन कचरा, एक भी टुकड़ा कहीं गिरा तो होगी तबाही; बेहतर निगरानी से समस्या का निदान



अंतरिक्ष में कचरा।
– फोटो : NASA

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कचरे की समस्या न सिर्फ धरती पर बल्कि अंतरिक्ष में भी बढ़ती जा रही है। पृथ्वी की कक्षा में इंसान की बनाई हुई बहुत सी कृत्रिम चीजें समय और मकसद पूरा होने के बाद अब अंतरिक्ष में ही घूम रहे हैं। नासा के अनुसार करीब 8,400 टन कचरा अंतरिक्ष में है, जिसमें अधिकतर 18 हजार से लेकर 28 हजार माइल्स प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे हैं।  अगर एक भी ऑब्जेक्ट कहीं गिरा तो वहां भारी तबाही मचा सकता है। 

वैज्ञानिकों ने बताया कि रॉकेट स्टेज जो अंतरिक्ष में पहुंचकर उपग्रह लॉन्च करने के बाद वहीं रह गए। रॉकेट के आगे के कोन, पेलोड के कवर, बोल्ट्स और काफी हद तक भरे हुए फ्यूल टैंक, बैटरीज और लॉन्चिंग से जुड़े अन्य हार्डवेयर अंतरिक्ष में मलबे के रूप में मौजूद हैं। नासा के अनुसार अंतरिक्ष में इस समय 20 हजार से भी ज्यादा छोटे-बड़े उपकरण कचरा बन चुके हैं और पृथ्वी की निचली कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं। नासा के अनुसार अंतरिक्ष मलबे को ट्रैक करने की क्षमता में सुधार से परिचालन उपग्रहों और मानव अंतरिक्ष मिशनों के जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है। 

रूस के रॉकेट सबसे ज्यादा

अंतरिक्ष में इस समय रूस के 7032, अमेरिका के 5216, चीन के 3854, फ्रांस के 520, जापान के 117 और भारत के 114 सैटेलाइट्स और रॉकेट्स हैं। ये एक से 10 सेमी के बराबर करीब 5 लाख से भी ज्यादा स्पेस जंक हैं। इस मलबे में लगातार वृद्धि होगी क्योंकि अंतरिक्ष उद्योग तेजी से बढ़ने वाला है। 








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