राकेश कुमार द्विवेदी, गोरखपुर।
Updated Sat, 08 Jul 2023 11:16 AM IST
गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समापन समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत करते मु
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देशभर में समान नागरिक संहिता की गूंज और बहस के बीच गोरक्षनगरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आना यूं ही नहीं है। दरअसल, असली निशाना 2024 का लोकसभा चुनाव है। पीएम मोदी ने प्रदेश की सियासत के केंद्र गोरक्षनगरी में आयोजित कार्यक्रमों से चुनावी बिसात बिछा दी है। एक बार फिर विकास और हिंदुत्व के एजेंडे को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। अब देखना यह है कि विपक्षी दल इसी एजेंडे पर बैटिंग करने को मजबूर होते हैं या भाजपा के लिए नई पिच तैयार करते हैं।
केंद्र में नौ वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य और उसके बहाने देशभर में महा जनसंपर्क अभियान के जरिये पार्टी ने पहले ही लोकसभा चुनाव के प्रचार की दुंदुभी बजा दी है। अब प्रधानमंत्री ने गोरखपुर में गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होकर स्पष्ट संकेत दिया है कि हमेशा की तरह इस बार भी भाजपा का प्रमुख एजेंडा हिंदुत्व रहेगा। मोदी ने पूर्व की तरह गोरक्षनगरी से विकास और विरासत को साथ लेकर चलने की बात कहकर पार्टी के सांस्कृतिक एजेंडे को भी धार दी है।
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राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पीएम मोदी का गीता प्रेस के कार्यक्रम में शामिल होना बड़ा संदेश देने वाला साबित हो सकता है। इसके जरिये भाजपा ने अपने सांस्कृतिक एजेंडे को और रफ्तार देने की कोशिश की है। गीता प्रेस की प्रतिष्ठा, हिंदुत्व के एक बड़े सांस्कृतिक केंद्र के रूप में रही है। इस संस्था के पास हिंदू धर्म से जुड़ी पुस्तकों के प्रकाशन का रिकॉर्ड है। ऐसे में पहले इस संस्था को प्रतिष्ठित गांधी शांति पुरस्कार मिलना, फिर मोदी का दौरा सांस्कृतिक के साथ राजनीतिक संदेश भी देता है।