जयंत चौधरी।
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बेंगलुरु में आयोजित विपक्ष की बैठक में भाग लेने पहुंचे रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि बेंगलुरु दिल्ली से थोड़ा दूर है, लेकिन हम सभी को दिल्ली वापस आने का रास्ता खोजना होगा। पूरे विपक्ष को मिलकर काम करने की जरूरत है। अब न मोदी अकेले हैं और न ही विपक्ष अकेला है।
एनडीए से नजदीकियां बढ़ने की जोरदार चर्चाओं के बीच जयंत चौधरी सोमवार को विपक्ष दलों की बैठक में भाग लेने के लिए बेंगलुरु पहुंच गए। उनके साथ रालोद नेता विक्रांत जावला और शामली के रालोद जिलाध्यक्ष वाजिद हसन भी थे। वहां जयंत ने मीडियाकर्मियों से बात की।
18 जुलाई को एनडीए की बैठक पर बोले कि बोले कि इससे यह तो साफ हो गया है कि जो प्रचार किया जा रहा था कि एक तरफ मोदी अकेले हैं और उन्हें हराने के लिए विपक्ष की बैठकें हो रही हैं, विपक्षी पर्टियां इकट्ठा हो रही हैं, वह गलत था। एनडीए के पास भी बहुत सारे घटक दल हैं। बीजेपी छोटी-छोटी पार्टियों को लुभाने में लगी है। ऐसे में, न तो मोदी अकेले हैं और न ही विपक्ष अकेला है। उन्होंने कहा कि पूरे विपक्ष को एक साथ मिलकर काम करने और भारत के आम नागरिकों के लिए दिल्ली का रास्ता बनाने की जरूरत है।
वर्तमान सरकार जिन लोगों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने में विफल रही है, हमें उन तक पहुंचने की जरूरत है। बेरोजगारी, हिंसा और नफरत जैसे मुद्दे हैं। वंचित लोगों तक पहुंचने की जरूरत है। ऐसे लोग के लिए हम सब मिलकर एक नई राह बनाएंगे। मैं बहुत आशावान और सकारात्मक हूं। पटना की पिछली बैठक में शामिल नहीं हो पाया था। इसलिए इस स्तर पर यह मेरी पहली बातचीत है। मैं सुनूंगा कि अन्य नेता क्या कहते हैं।
हमारे दरवाजे खुले हैं
बैठक में कई दलों के शामिल न होने पर जयंत ने कहा कि ये मत सोचिए कि जो लोग यहां बैठक में हैं, उसके बाहर के लोगों से संपर्क आगे नहीं होगा या उनके लिए दरवाजे बंद हो गए हैं। हमारे दरवाजे खुले हैं। सैद्धांतिक रूप से जो भी पार्टियां, संगठन और नेता हमारे मुद्दों के साथ मेल रखते हैं वे साथ आएंगे।
बैनरों पर जयंत का भी फोटो
विपक्ष की बैठक में शामिल होने आ रहे नेताओं का स्वागत करने के लिए बंगलुरु में बैनर, पोस्टर लगाए गए हैं। इनमें मुख्य रूप से पार्टी प्रमुखों का चेहरा दिखाई दे रहा है। अखिलेश यादव के साथ जयंत चौधरी को भी बैनर में जगह दी गई है।