चेतन के ताऊ भगवान सिंह
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
महाराष्ट्र के पालघर में जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन में गोलीबारी कर एएसआई और तीन यात्रियों को मौत के घाट उतारने वाला रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) का मुख्य आरक्षी चेतन मूलरूप से गांव मीतई का रहने वाला है। कुछ समय पहले उसने ताऊ से बात की थी और कहा था कि बार-बार तबादले किए जाने से वह परेशान है। कोतवाली चंदपा पुलिस भी चेतन के व्यवहार के बारे में जानने के लिए उसके घर पहुंची और परिजनों व पड़ोसियों से पूछताछ की। इस दौरान घर पर आस-पड़ोस के लोगों की भीड़ जुट गई।
चेतन के ताऊ भगवान सिंह ने बताया कि चेतन इन-दिनों अपनी ड्यूटी को लेकर परेशान चल रहा था और तनाव में था। कुछ दिन पहले उसने उनसे फोन पर बात की थी और कहा था कि ताऊजी मेरा फिर से तबादला किया गया है। उल्टी सीधी ड्यूटी लगाई जा रही है। भगवान सिंह ने बताया कि बार-बार, जगह-जगह तबादला होने से भी चेतन परेशान चल रहा था, मैंने उसे समझाया था कि यह सब नौकरी का हिस्सा है। नौकरी तो करनी पड़ेगी, इसलिए बिना तनाव के नौकरी करो।
चेतन ने यह भी बताया था कि यहां के स्टाफ से भी कुछ बातों को लेकर उसका विवाद चल रहा है। साथ में तैनात एएसआई से भी ड्यूटी को लेकर उसका विवाद है। उन्होंने यह भी कहा कि जब चेतन का मानसिक स्तर सही नहीं था तो उसे हथियार देना ही नहीं चाहिए था। भगवान सिंह ने कहा कि चेतन ने यह कदम गलत उठाया है। इस तरह के कदम उठाने से कोई समस्या हल नहीं होती है। अधिकारियों को भी मानसिक तनाव की स्थिति में चेतन को हथियार नहीं देना चाहिए था।
नम आंखों से बोले ताऊ- हम तो वसुधैव कुटुंबकम की परंपरा वाले हैं
नम आंखों से चेतन के ताऊ भगवान सिंह ने कहा कि हमारा परिवार तो वसुधैव कुटुंबकम की परंपरा को मानने वाला है। इस घटना ने पूरे परिवार को सोचने पर मजबूर कर दिया है। हालात कैसे भी रहे हों, लेकिन यह घटना गलत हुई है। किसी भी परिवार के सदस्य की जिंदगी जाने से उस परिवार को क्या गुजरती है, हम जानते हैं। इस घटना ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है। हम तो हर व्यक्ति को अपने परिवार का हिस्सा मानने वाले लोग हैं। हमारे परिवार में से तो देश की सेवा की मिसाल है। मेरा भाई भी सेना से सेवानिवृत्त है।