पाकिस्तान में चर्च में तोड़-फोड़।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के जरांवाला शहर में गिरिजाघरों और ईसाई समुदाय के लोगों पर हमले के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इस मामले में उस संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने कथित तौर पर ‘ईशनिंदा’ वाली पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट किया था। बता दें कि जरांवाला में कई चर्च में आग लगाने और ईसाई समुदाय के लोगों के कई घरों में आग लगाने की घटना के पीछे का कारण ‘कुरान का अपमान’ था।
पाकिस्तान पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया पर कथित ईशनिंदा सामग्री पोस्ट करने वाले संदिग्ध के कारण जरांवाला में तोड़फोड़ और आगजनी हुई। पुलिस ने संदिग्ध को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आतंकवाद अधिनियम के तहत एफआईआर भी दर्ज की है।
‘घटना में शामिल किसी को बख्शा नहीं जाएगा’
बता दें कि पुलिस इस आगजनी की घटनाओं में आरोपी बनाए गए 170 आरोपियों में से अब तक 160 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि ऐसी वीभत्स घटना के लिए किसी को भी बख्शा नहीं जा सकता। इसमें शामिल सभी लोगों को जब तक गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, पुलिस की कार्रवाई जारी रहेगी। हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लोगों में चरमपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के सदस्य भी शामिल थे। इस बीच, कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवारुल हक द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप, पंजाब सरकार ने भी घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन का आदेश दिया है।
बीते बुधवार को हुई थी घटना
पंजाब की प्रांतीय राजधानी लाहौर से 130 किलोमीटर दूर फैसलाबाद जिले के जरांवला शहर में बीते बुधवार को ईशनिंदा के आरोप में गुस्साई भीड़ ने 21 चर्च और ईसाइयों के 86 घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की थी। इसके बाद, हिंसा से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने पाकिस्तान रेंजर्स को बुलाया था। साथ ही एलीट फोर्स सहित विभिन्न पुलिस इकाइयों के 3,000 पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया था। पुलिस का कहना है कि पाकिस्तान में हिंसा तब भड़की जब कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जरांवाला के सिनेमा चौक पर दो ईसाई भाइयों के घर के पास पवित्र कुरान के कई अपवित्र पन्ने पाए गए।
जरनवाला सिटी पुलिस स्टेशन के अधिकारी आसिफ अली का कहना है कि मुहम्मद अफजल और चमरा मंडी के चार अन्य मुसलमानों ने राजा अमीर मसीह और उनकी बहन राकी मसीह पर कुरान का अपमान करने और पैगंबर के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने भाई-बहन के खिलाफ भी धारा 295 (सी) और 295 (बी) के तहत मामला दर्ज किया है।
जरांवला घटना की अतंरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक निंदा
जरांवला घटना की व्यापक निंदा हुई है। देश के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने उन लोगों के लिए न्याय की मांग की, जिनके घरों और उपासना स्थलों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें नष्ट कर दिया गया। सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने गुरुवार को इस घटना को “बेहद दुखद और पूरी तरह से असहनीय” करार दिया और वादा किया कि हमलों में शामिल अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।
सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने जनरल मुनीर के हवाले से कहा, समाज के किसी भी वर्ग द्वारा किसी के खिलाफ, खासकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ असहिष्णुता और चरमपंथी व्यवहार की ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है।
बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा एक संवेदनशील मुद्दा है, जहां इस्लाम का अपमान करने वाले किसी भी व्यक्ति को मृत्युदंड का सामना करना पड़ सकता है। सेंटर फॉर सोशल जस्टिस (सीएसजे) के अनुसार, 16 अगस्त, 2023 तक लगभग 198 लोगों पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया है, जिनमें से 85 प्रतिशत मुस्लिम, नौ प्रतिशत अहमदी और 4.4 प्रतिशत ईसाई हैं। सीएसजे की रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब प्रांत में पिछले 36 वर्षों में ईशनिंदा कानूनों के दुरुपयोग के 75 प्रतिशत से अधिक मामले दर्ज किए गए।