साउथ सिनेमा में खूब नाम कमाने के बावजूद हिंदी सिनेमा में पैर जमाने की बार बार विफल हो रही कोशिशों के चलते अभिनेत्री तमन्ना भाटिया की टीम इन दिनों खासी परेशान है। साल 2005 में फिल्म ‘चांद सा रोशन चेहरा’ में पहली बार किसी हिंदी फिल्म में नजर आईं तमन्ना का फिल्म जगत में ये 18वां साल चल रहा है और उनके खाते में एक भी ऐसी हिंदी फिल्म नहीं है, जो उन्हें दर्शकों के बीच एक अलग पहचान दिला सके।
तमन्ना भाटिया की पिछली दोनों फिल्में ‘प्लान ए प्लान बी’ और ‘बबली बाउंसर’ को लोगों ने ओटीटी तक पर पसंद नहीं किया और हालिया रिलीज फिल्मावली ‘लस्ट स्टोरीज 2’ में भी उनकी और अभिनेता विजय वर्मा की जोड़ी दर्शकों ने सिरे से नकार दी। इसका असर ये हुआ कि विजय वर्मा अब तमन्ना को लेकर बात तक नहीं करना चाहते।
उधर, तमन्ना की टीम लगी हुई है कि किसी तरह उनकी अगली फिल्म ‘वेदा’ को लेकर ऐसा कुछ सामने आ सके जिससे कि लाइमलाइट फिल्म से तमन्ना पर आए लेकिन फिल्म के हीरो जॉन अब्राहम इस मामले में बहुत साफ सुथरी छवि रखते हैं। तमन्ना की टीम को एक अदद नए अफेयर की सुर्खियों की तलाश है और जॉन अब्राहम के साथ नाम जोड़ने की टीम की हिम्मत तक नहीं हो रही।
तमन्ना भाटिया के पास इन दिनों तेलुगु में ‘भोला शंकर’ और तमिल में ‘जेलर’ जैसी मेगा बजट फिल्में हैं। मलयालम में वह ‘बांद्रा’ नामक एक फिल्म भी कर रही हैं, लेकिन, हिंदी सिनेमा में उनका जहाज हर बार उड़ान भरने से पहले रनवे पर ही अटक जा रहा है।