देवरिया हत्याकांड
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देवरिया के फतेहपुर गांव में सामूहिक हत्याकांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए तथ्य भी सामने आने लगे हैं। जिस जमीन के विवाद में छह लोगों की हत्या हो गई, उसकी सरकारी कीमत 1.30 करोड़ रुपये बताई जा रही है, लेकिन प्रेम यादव और उसके भाई रामजी यादव ने इसका सिर्फ 21 लाख रुपये में बैनामा करा लिया था।
बैनामे के दस्तावेज के मुताबिक, विक्रेता को 21 लाख रुपये दिए गए हैं, जबकि उसी दस्तावेज पर जमीन की सरकारी कीमत 1.30 करोड़ रुपये अंकित है। बैनामे में सामूहिक हत्याकांड का मुख्य आरोपी नवनाथ मिश्रा उर्फ पट्टू गवाह है।
यह जमीन सत्यप्रकाश के भाई ज्ञानप्रकाश दूबे की थी। ज्ञानप्रकाश दूबे गुजरात में कमा रहे थे। 2014 में वह घर लौटे, तो उनकी भाभी किरन देवी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। भाभी से मनमुटाव होने पर वह घर छोड़कर चले गए। उस समय गांव की प्रधानी प्रेम यादव के घर में थी।
लेड़हा टोले में ज्ञानप्रकाश के हिस्से की 1.314 हेक्टेयर (लगभग पांच बीघा) जमीन है। वहीं, उसके हिस्से में भाटपाररानी में भी जमीन थी। इतनी बड़ी संपत्ति का मालिक होने के बाद भी ज्ञान प्रकाश को रोटी के लिए दर-दर की ठोकर खानी पड़ी। प्रेम के परिवार में उसे ठौर मिला, तो वह अपनी सारी संपत्ति देने को राजी हो गया।