एएमयू
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गाजियाबाद में धर्मांतरण मामले में एएमयू के पूर्व छात्र सौरभ उर्फ अब्दुल्ला की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह खुफिया एजेंसियों की नजर एएमयू पर है। यहां टीमें डेरा डाले हुए हैं। उसे ध्यान में रखते हुए एएमयू प्रशासन भी चौकन्ना हो गया है। हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है और हर स्तर पर हर एजेंसी को किसी भी तरह की मदद की भी तैयारी है। इसे लेकर प्रॉक्टर कार्यालय पूरी तरह से सक्रिय है। हालांकि एएमयू का अपना दावा बरकरार है कि उनके यहां किसी का धर्मांतरण नहीं हुआ।
गाजियाबाद में सौरभ उर्फ अब्दुल्ला की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ व जांच में उजागर हुआ कि वह एएमयू में पढ़ा। इसी दौरान उसने धर्म परिवर्तन किया। इसके बाद आगरा के एक प्रोफेसर का नाम आया। उनके पिता एएमयू से सेवानिवृत्त हैं। इन तथ्यों के सामने आने के बाद एजेंसियों ने एएमयू में डेरा डाल रखा है। पुराने रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं।
इसी क्रम में प्रॉक्टोरियल टीम भी पूरी तरह तैयार है और हर पहलू पर नजर रखी जा रही है। निगरानी बढ़ाई गई है और यह भी किया कि जो भी ब्योरा मांगा जाएगा। उसका जवाब दिया जाएगा। एएमयू प्रॉक्टर प्रो.वसीम अली इतना ही कहते हैं कि हमारे यहां कोई धर्मांतरण नहीं हुआ है। न एएमयू से इस विषय का कोई नाता। फिर भी हम हर पहलू पर नजर रखे हुए हैं।
कैंपस में फायरिंग की खबर पर दौड़ी प्रॉक्टोरियल टीम
एएमयू कैंपस में शुक्रवार शाम फायरिंग की सूचना पर प्रॉक्टोरियल टीम ने दौड़ लगा दी। हालांकि मामला जांच में फर्जी पाया गया। इतना पता चला कि छात्रों के बीच कहासुनी हुई थी। चर्चा है कि इसी बीच तमंचा तान दिया गया था। बताया गया है कि शुक्रवार शाम प्रॉक्टर कार्यालय को लाइब्रेरी कैंटीन पर छात्र गुटों में फायरिंग की खबर मिली। इस सूचना पर टीम मैके पर पहुंची। वहां फायरिंग की बात सामने नहीं आई। हां, इतना पता चला कि मारपीट हुई थी। प्रॉक्टर के अनुसार मौके पर कुछ नहीं मिला।