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धर्मांतरण सहित अन्य विवादों का एएमयू से नया नहीं, काफी पुराना नाता है। एएमयू में इस तरह की गतिविधियों के आरोप लगते रहे हैं। दो वर्ष पहले एटीएस ने नोएडा से उमर गौतम नाम के धर्मांतरण रैकेट सरगना को गिरफ्तार किया था। उसके एएमयू आने और छात्रसंघ यूनियन के कैनेडी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर भाषण देने के वीडियो भी वायरल हुए थे।
एटीएस ने नोएडा से उमर गौतम व उसके एक अन्य साथी को गिरफ्तार किया था। खुद उमर ने भी अपना धर्म परिवर्तन किया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही उसके अलीगढ़ कनेक्शन की बात उजागर हो गई थी। उस समय एडीजी प्रशांत कुमार ने भी प्रेस कांफ्रेंस में उसके अलीगढ़ कनेक्शन की बात स्वीकारी थी। खुद उमर ने भी अलीगढ़, देवबंद, सहारनपुर व दिल्ली में अपने कनेक्शन बताए थे।
उजागर हुआ था कि वह एएमयू के कैनेडी ऑडीटोरियम में एसएएमयू की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुआ था। हालांकि यह वीडियो 2013 के बाद का बताया जा रहा था। कुछ लोग इसे 2017 का बता रहे थे। उस गिरफ्तारी के बाद एएमयू के मूक बधिर माली, जीवनगढ़ के एक अनुसूचित छात्र, एक अन्य छात्र दंपती के धर्मांतरण की बात सामने आई थी। ये सभी मूक बधिर बताए गए थे। हालांकि इन सभी ने जांच में खुद के धर्मांतरण की बात नकारी थी।
सिमी सहित इन विवादों से भी रहा नाता
धर्मांतरण के अलावा सिमी की स्थापना, आतंकी घटनाओं व देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त लोगों की अलीगढ़ में आवाजाही के विवाद भी सुर्खियों में रहे हैं। जिनमें सबसे ताजा घटनाक्रम सीएए-एनआरसी के विरोध की एएमयू से शुरुआत। उसके बाद शहर में उपद्रव, कई माह तक धरना प्रदर्शन प्रमुख रहा। इस विरोध की शुरुआत कराने में कुछ पूर्व छात्रों व कुछ छात्र नेताओं पर मुकदमे दर्ज हुए। गोरखपुर के डॉक्टर कफील, जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम, एएमयू के पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी आदि पर मुकदमे दर्ज हुए।
इन वजहों से अलीगढ़ रहा रडार पर
- सिमी की स्थापना के साथ-साथ यहां उसका मुख्यालय होना।
- कश्मीर से आने वाले कपड़ों में 1992 में एके-47 छिपाकर लाना।
- एके-47 मिलने के बाद 35 वर्ष से फरार आतंकी का आज तक सुराग नहीं।
- नागौरी द्वारा अलीगढ़ की मदद से ब्लास्ट प्लान करने के साक्ष्य मिलना।
- अहमदाबाद ब्लास्ट के बाद आतंकी का अलीगढ़ रुककर जाना।
- कानपुर धमाकों के बाद एनकाउंटर में मारे व पकड़े आतंकी अलीगढ़ में रुके थे।
- होशंगाबाद में गिरफ्तार आतंकी द्वारा खुद को अलीगढ़ कोचिंग स्वीकारी।
- कश्मीर के छात्र मन्नान वानी द्वारा एएमयू में ही रहकर पढ़ाई करना।
- मन्नान वानी के भागने के बाद पकड़े शुभान ने अलीगढ़ रुकना स्वीकारा।
- फिर एकाएक आतंकी संगठन में शामिल होना, एन्काउंटर में मारा जाना।
- दोदपुर के फ्लैट से 21वर्ष बाद सिमी का एक सर्वेसर्वा पकड़ा जाना।
- एएमयू से सीएए-एनआरसी विरोध की शुरुआत, शहर में उपद्रव।