निठारी कांड।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी कांड के आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर व सुरिंदर कोली को फांसी की सजा के खिलाफ अपीलों पर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। अपीलों की सुनवाई न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की खंडपीठ ने की। बहस में वैज्ञानिक साक्ष्यों पर तर्क दिए गए।
आरोपियों की तरफ से अधिवक्ता मनीषा भंडारी व पयोशी राय एवं सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता डिप्टी सालिसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश, संजय यादव व जितेंद्र मिश्र ने विस्तार से बहस की।कोली को दुष्कर्म, हत्या के एक दर्जन से अधिक अपराधों का दोषी करार देते हुए सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद ने फांसी की सजा सुनाई है। पंढेर को भी कुछ मामलों में फांसी तो कुछ में अन्य सजा सहित कुछ में निर्दोष करार दिया है।
फांसी की सजा के खिलाफ दोनों हाईकोर्ट में अपील दायर की है। विभिन्न खंडपीठों ने 134 दिन की लंबी सुनवाई की। कोली पर आरोप है कि वह पंढेर कोठी का केयरटेकर था और लड़कियों को लालच देकर कोठी में लाता था। निठारी गांव की दर्जनों लड़कियों गायब हो गई। वह उनसे दुष्कर्म कर हत्या कर देता था। लाश के टुकड़े कर बाहर फेंक आता था।