Firozabad News: दीपक और शशि की शादी की तस्वीर
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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में दंपती की मौत का कारण शादी में मिली सोने की चेन बनी। इसको लेकर आए दिन विवाद होता था। रविवार सुबह भी दोनों में झगड़ा और मारपीट हुई। इसे परिजन ने शांत करा दिया। लेकिन, शाम को दोबारा झगड़ा हुआ। छोटे भाई ने फिर दोनों को शांत करा दिया। इसके बाद दोनों लोग कमरे में चले गए। मृतक के छोटे भाई गोविंद ने बताया कि मध्य रात डेढ़ बजे अचानक फायर की आवाज हुई तो वह कमरे में पहुंचा। देखा कि वहां भाई का शव खून से लथपथ पड़ा था।
थाना प्रभारी हरवेंद्र मिश्रा ने बताया कि दीपक को शादी में एक सोने की चेन मिली थी। इसे शशि यादव ने अपने भाई को दे दी थी। जब इसकी जानकारी दीपक को हुई तो उसने पत्नी से चेन मायके से मंगाने के लिए दवाब डाला। बताया जाता है कि वह चेन लेने के लिए अपनी ससुराल मई में कल्होर गया था। वहां ससुरालीजन से भी चेन वापस करने के लिए कहा। ससुरालीजन ने अपनी भैंस बेंचकर 25 हजार रुपये शशि को भेज दिए। कहा कि शेष पैसे कुछ दिन बाद दे देंगे।
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दीपक पत्नी पर चेन दिलाने का दवाब डाल रहा था। इसी बात से आक्रोशित होकर दीपक ने पहले पत्नी की पिटाई की। किसी को इसकी जानकारी न हो इसलिए उसने कूलर की आवाज में पत्नी का मुंह दबा दिया। इससे उसकी मौत हो गई। जब उसने देखा कि शशि की मौत हो गई तो वहां से उठा और बाहर के कमरे में आकर उसने तमंचा से अपनी कनपटी में गोली मार ली।
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मोबाइल पर बात करने को लेकर भी होती थी बहस
दीपक के भाई गोविंद ने बताया कि मुख्य वजह चेन तो थी। इसके साथ ही मोबाइल पर भाभी द्वारा बात करना भाई को अच्छा नहीं लगता था। जब भी भाभी बात करती थी तो भाई उन पर संदेह करते थे। इससे भी दोनों के बीच आए दिन खटपट होती रहती थी। बताया कि कई बार मोबाइल को लेकर भाई और भाभी में झगड़ा भी हुआ था। लेकिन, किसी को यह अंदाजा नहीं था कि भाई इतना बड़ा कदम उठा लेगा।
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गोविंद ने बताया कि भाई को शादी के आठ साल बीतने के बाद भी कोई रोजगार न मिलने से भाई परेशान थे। उनकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। गोविंद ने बताया कि वह तीन भाई हैं। दीपक सबसे बड़े थे। तीनों भाइयों में से किसी की भी नौकरी नहीं लगी है। पूरा परिवार पिता के ऊपर ही आश्रित है। इसको लेकर भी भाई काफी परेशान रहते थे।
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कृष्णा के सिर से उठा माता-पिता का साया
दीपक पर छह साल का एक बेटा है। उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाने से पहले एक बार भी नहीं सोचा कि आखिर उनके जाने के बाद बच्चे की देखभाल कौन करेगा। अगर दोनों इस तरफ सोचते तो शायद इतना बड़ा कदम नहीं उठाते। माता-पिता की मौत के बाद कृष्णा का भी रो-रो कर बुरा हाल था।