सांकेतिक तस्वीर
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मां-बाप से अलग होने के बावजूद तीसरे के चक्कर में पति-पत्नी के आपसी रिश्ते दरक रहे हैं। एमएमजी अस्पताल में सप्ताह में 15 से 20 दंपती काउंसिलिंग के लिए आ रहे हैं। तीन बार की काउंसिलिंग के बाद 80 फीसदी मामलों में सुधार आ रहा है, जबकि 20 फीसदी मामले अदालत में पहुंच रहे है।
एमएमजी अस्पताल में संचालित मानसिक प्रकोष्ठ विभाग में काउंसिलिंग कराने के लिए आने वाले अधिकांश जोड़े मध्यम वर्गीय परिवार के हैं। प्रकोष्ठ की क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. चंदा यादव का कहना है कि रोजाना दो से तीन जोड़े काउंसिलिंग के लिए आते हैं। जो दंपती अपनी कमियों को दूर करते हैं, वह तीन बार की काउंसिलिंग में ही सामान्य हो जाते हैं। पर्सनालिटी ट्रेंट (व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक) मामलों में आठ से 10 बार काउंसिलिंग की जरूरत होती है, इसके बावजूद 20 फीसदी मामलों में सुधार नहीं हो पाता है, जो तलाक के लिए अदालत चले जाते हैं।