पहेली बनी धर्मेंद्र की मौत: चारपाई पर पड़ा था शव, बारिश से बिस्तर गीले..कपड़े मिले सूखे, पुलिस को नहीं मिला खून

पहेली बनी धर्मेंद्र की मौत: चारपाई पर पड़ा था शव, बारिश से बिस्तर गीले..कपड़े मिले सूखे, पुलिस को नहीं मिला खून



फर्रुखाबाद जिले में कमालगंज कोतवाली क्षेत्र में खेत की जमीन को लेकर धर्मेंद्र का उसकी पत्नी व पुत्र से विवाद चल रहा था। पांच दिन पूर्व गुस्साई पत्नी घर से बिना बताए चली गई थी। धर्मेंद्र की हत्या की खबर लगते ही पत्नी घर पहुंच गई। पुत्र का मोबाइल नंबर भी बंद बता रहा है।

पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ने बताया कि सिर पर वजनदार नुकीली वस्तु से प्रहार करने से मौत होने की बात सामने आई है।  सिर पर दो घाव हुए व चेहरे पर आंख के ऊपर चोट का एक निशान पाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि धर्मेंद्र सिंह अपने हिस्से की जमीन बेच चुका है।

वह पुत्र पुष्पेंद्र व पत्नी फूलश्री के खेत में खेती करता है। पुष्पेंद्र व फूलश्री के विरोध करने पर तीनों में विवाद चल रहा था। धर्मेंद्र की हत्या करने के बाद उसका शव घर के आंगन में पेड़ के नीचे चारपाई पर पड़ा मिला। घटनास्थल पर खून और हत्या में प्रयोग की गई वस्तु नहीं मिली।



धारदार हथियार से हमला कर हत्या

ग्रामीणों का कहना है कि चारपाई पर बिछे बिस्तर बरसात से गीले हो गए थे। लेकिन धर्मेंद्र के कपड़े सूखे मिले। इससे आशंका जताई गई कि दूसरे स्थान पर हत्या कर शव को घर पर लाया गया। बता दें कि थाना क्षेत्र के गांव मीठापुर निवासी धर्मेंद्र कुमार(48) की बीतीरात धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई।


बड़े भाई की भी गोली मारकर हुई थी हत्या

धर्मेंद्र के बड़े भाई शिवसरन की भी कई वर्षों पहले गोली मारकर परिवार के लोगों ने हत्या कर दी थी। मामले में ग्रामीण ने बताया कि धर्मेंद्र के बड़े भाई हरीराम की बीमारी से मौत के बाद उनकी पत्नी को परिवार का युवक भगा ले गया था। जब शिवसरन ने इसका विरोध किया तो युवक ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी।


घर में मुख्य दरवाजे नहीं, घटना से पड़ोसी भी अंजान

सोमवार रात धर्मेंद्र घर से गया था। उसके बाद मंगलवार सुबह घर में चारपाई पर उसका शव लहूलुहान अवस्था में पड़ा मिला। धर्मेंद्र के घर में बाहर जाने वाले दरवाजे नहीं हैं। केवल चौखट लगी है। ऐसे में वह घर कब आए इसके बारे में पुत्री रवीना को नहीं पता।


पड़ोसी व पुत्री को भी नहीं लगी भनक

घटना के बारे में पड़ोसी व पुत्री को भी भनक नहीं लगी। धर्मेंद्र की पुत्री रवीना ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। शाम को परिवार वाले व ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए शव को पांचालघाट पर ले गए। पुत्र पुष्पेंद्र के नहीं पहुंचने पर मौसेरे भाई मुनेश्वर ने धर्मेंद्र के शव को मुखाग्नि दी।




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