वाराणसी के गंजारी में बनने वाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम कई मायने में ऐतिहासिक है। यह उत्तर प्रदेश का पहला स्टेडियम है, जिसका निर्माण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) करा रहा है। मालिकाना हक भी बीसीसीआई का रहेगा। देश में पहले से 53 स्टेडियम हैं, जो कि बीसीसीआई को लीज पर मिलते हैं। शुल्क देकर क्रिकेट मैच कराने पड़ते हैं। काशी का स्टेडियम दिसंबर 2025 तक बनकर तैयार होगा। यह देश का पहला स्टेडियम है, जिसकी थीम धर्म है। महादेव को समर्पित थीम में त्रिशूल आकर की फ्लड लाइटें लगेंगी। डमरू आकार में लाउंज व मीडिया गैलरी होगी। स्टेडियम की क्षमता अभी 30 हजार दर्शकों की है। इसे 10 हजार और बढ़ाया जा सकेगा। ऐसा हुआ तो एक साथ 40 हजार दर्शक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच देख सकेंगे। गंजारी में बन रहा स्टेडियम आधुनिक सुविधा-संसाधनों से लैस है। बाबतपुर एयरपोर्ट व रिंग रोड से बेहतर कनेक्टिविटी है।
स्टेडियम के लिए राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहीत की है, इसलिए नियमावली लखनऊ के इकाना स्टेडियम जैसी बनाई गई है। किसी भी जरूरत और कार्यक्रम के लिए स्टेडियम को एक महीने तक सरकार ले सकती है। इसके एवज में किसी तरह का शुल्क नहीं देय होगा। जब भी स्टेडियम खाली रहेगा, उस वक्त सरकार कोई भी आयोजन कर सकेगी।
गंजारी स्टेडियम में अलग जोन भी बनाया जाएगा, जहां वीवीआईपी व वीआईपी के बैठने की सुविधा रहेगी। आकर्षक बॉक्स बनाए जाएंगे, जो आधुनिक सुविधा-संसाधनों से लैस रहेंगे।
भगवान शिव को समर्पित गंजारी का अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम पूर्वांचल का पहला और यूपी का तीसरा है। पहला स्टेडियम कानपुर का ग्रीन पार्क है। दूसरा लखनऊ का इकाना स्टेडियम है। तीसरा गंजारी में बनने लगा है। बीसीसीआई की देखरेख में उत्तर प्रदेश क्रिकेट स्टेडियम (यूपीसीए) स्टेडियम का निर्माण कराएगा। निर्माण की जिम्मेदारी एलएंडटी को मिली है।
स्टेडियम के शिलान्यास से पहले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नमो टीशर्ट भेंट किया। इसे प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी से स्वीकार किया। इस पर खूब तालियां बजीं और समारोह में मौजूद लोगों ने शानदार तरीके से अभिवादन किया। सचिन के प्रति लोगों की दिवानगी देखते ही बनी।