पुलिस की कैद में दुर्लभ शंख
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चार सालों से 12वीं शताब्दी का दुर्लभ अष्टधातु का शंख मुगलसराय कोतवाली पुलिस की कैद में है। पांच किलो वाले इस शंख की कीमत ढाई करोड़ बताई गई है। आंध्र प्रदेश से चोरी किये गए इस शंख को पुलिस ने चोरों से 2019 में बरामद किया था।
मुगलसराय कोतवाली के मालखाने में पिछले चार सालों से अष्टधातु का बेशकीमती शंख कानूनी पेचिदगियों में फंसा धूल फांक रहा है। 12वीं शताब्दी के आसपास का अष्टधातु का यह शंख आंध्र प्रदेश के किसी मंदिर से चोरी कर जिले में पहुंचा था। पुलिस ने अप्रैल 2019 में पांच किलो के इस अनूठे शंख को चोरों से बरामद किया था। तब से यह शंख कोतवाली के मालखाने में पड़ा है। इसकी कीमत ढाई करोड़ आंकी गई है। अभी तक पुलिस अपने चंगुल से इसे मुक्त नहीं कर सकी है और न ही किसी ने इसके लिए कोई ठोस प्रयास किया है।अप्रैल 2019 में मुगलसराय कोतवाली पुलिस ने अष्टधातु के शंख को बरामद करने के बाद उसे परीक्षण के लिए बीएचयू स्थित भारत कला भवन भेजा था। भारत कला भवन के तत्कालीन निदेशक डा. एके सिंह ने बताया था कि साढ़े पांच किलो के वजन का अष्टधातु का शंख लगभग 12वीं से 15वीं शताब्दी के आसपास का है। बताया कि शंख पर क्षीर सागर की आकृति उभरी है, जिस पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी विराजमान हैं और शेष नाग की ऊपर से छाया है। उन्होंने बताया कि यह दुर्लभ शंख है। पुलिस ने उसकी कीमत दो से ढाई करोड़ रुपये बताई थी। पुलिस ने खुलासा किया था कि अष्टधातु का यह शंख आंध्र प्रदेश के किसी मंदिर से चोरी होने के बाद वाराणसी बिक्री के लिए जा रहा था।
काफी महत्वपूर्ण माना जाता है अष्टधातु का शंख
मुगलसराय कोतवाली के मालखाने में रखे अष्टधातु के शंख के विषय पर भारत कला भवन बीएचयू के पूर्व निदेशक प्रो. एके सिंह ने बताया कि अष्टधातु को धार्मिक अनुष्ठान के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है। कहा कि अष्टधातु के शंख का इस्तेमाल धार्मिक अनुष्ठान में भगवान विष्णु को स्नान कराये जाने के दौरान प्रयोग होता था।
सुरक्षित नहीं रखा गया तो होगा क्षरण
पीडीडीयू नगर। भारत कला भवन के पूर्व निदेशक प्रो. एके सिंह ने बताया कि इस शंख के रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उनका कहना था कि यदि इसे सुरक्षित नहीं रखा गया तो इसका तेजी से क्षरण होगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए नमी काफी खतरनाक हो सकती है।
मालखाने में सभी सामानोंं को सही तरीके से रखा जाता है, अष्टधातु के शंख के सरक्षण के लिए कानूनी सलाह ली जाएगी। जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। डा. अनिल कुमार, पुलिस अधीक्षक, चंदौली