उस समय उसकी आंखों में किसी भी बात का डर नहीं था और न ही अपने किए का पछतावा हो रहा था। पुलिस जब उसे थाने के लॉकअप में ले जाने लगी तो उसने एक बार यह जरूर पूछा कि उसका बेटा देव (5) व छह माह की बेटी एंजल कहा है। इस पर उसे बताया गया कि दोनों सुरक्षित जगह हैं।
खाने में मिलाया नशीला पदार्थ
पुलिस हिरासत में शोभाराम ने बताया कि बुधवार शाम सात बजे के करीब वह घर पर काम करके लौटा था। जब घर आया तो पत्नी छत पर थी। वह स्वयं खाना निकाल कर खाने बैठा। इस पर पत्नी ने कहा खाने में नमक कुछ कम है। वह समझ नहीं पाया और पत्नी ने कुछ मिला दिया। खाना खाने के बाद से ही उसे नींद आने लगी। इस पर वह अपने बेटे देव को लेकर कमरे में सो गया, पत्नी भी पास में बच्ची को लेकर लेट गई। रात 11 बजे जब आंख खुली तो पत्नी नहीं दिखी थी। उसने कहा कि उसे खाने के बाद ही अहसास हुआ था कि पत्नी ने कुछ नशीला पदार्थ मिलाया है। मगर वह अनदेखी कर गया था।
मारता नहीं तो वो मुझे मारे देते
पत्नी और उसके प्रेमी की हत्या के बाद शोभाराम ने पुलिस को स्वयं जानकारी दी। कहा कि अब वह सुकून महसूस कर रहा है। पुलिस को बताया कि यदि वह सुखवेंद्र और पत्नी की हत्या न करता तो खुद मारा जाता। उसने पुलिस के सामने कहा कि पहले उसने सुखवेंद्र पर वार किया तो वह बेहोश हो गया। इसके बाद गुस्से में पत्नी पर वार किया था। दोनों के मरणासन्न होने के बाद उसने सोचा कि यदि छोड़ देगा तो रास्ते में आते जाते उसकी हत्या की जा सकती है। इस लिए बिना कुछ देर किए दोनों की ईंट से कूचकर हत्या कर दी।
सुखवेंद्र की हत्या के बाद परिजनों का बुरा हाल
सहायल थाना क्षेत्र के ताजपुर छौंक के मजरा नंदपुर के रहने वाले सुखवेंद्र की हत्या के बाद मां मीना देवी, पिता लायक सिंह व भाइयों कुलदीप, रिंकू का बुरा हाल रहा। परिवार के लोग उन्हें ढांढस बंधाते दिखे। सुखवेंद्र के पिता सहार थाने में होमगार्ड है और घटना वाली रात ड्यूटी पर थे। घर पर छोटा बेटा रिंकू, सुखवेंद्र व पत्नी थी। परिजनों ने बताया कि बड़ा भाई कुलदीप बाहर नौकरी करता है। सबसे छोटा सुखवेंद्र ही था। दो बहने हैं, जिनकी शादी हो गई है।