फ्रांसिसी पर्यटक अस्मा के पति बेन येलेस
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खुशियों को फतेहपुर सीकरी में जब गम की सौगात मिली, तब 61 साल की फ्रांसिसी पर्यटक अस्मा के पति बेन येलेस को पता चला कि उनकी पत्नी हमेशा के लिए अलविदा कह गई है। सिसकियों और हिचकियों के बीच अस्मा के पति बेन की आवाज कई मिनटों तक मौन हो गई। बेन कभी जमीन को उंगलियों से नोचने लगे तो कभी पत्नी की आंखों में आंखों डाल उन्हें जगाने की कोशिश करते रहे।
अस्मा नहीं उठीं तो पैर फैलाकर माथा पकड़ लिया। आंसुओं की अविरल धारा के बीच 10 मिनट तक आसमान देखते रहे बेन के मुंह से पहला शब्द एंबुलेंस निकला। इसके बाद बेन कभी अस्मा के बालों में हाथ फेरते तो कभी एस्मा की आंखों में आंखें डालकर उन्हें निहारते रहे। अस्मा के लिए बेन की बेपनाह मोहब्बत देख दूसरे पर्यटकों की आंखें नम हो गईं। मोहब्बत के शहर से बेइंतहा दर्द लेकर जाने वाले बेन बेजार थे। निराश थे। हताश थे। एंबुलेंस की देरी ने उनकी हताशा को बेबसी में तब्दील कर दिया था। हॉस्पिटल में अपनी पत्नी का शव देखने के बाद इस बार जब बेन रोए तो उन्होंने इशारों में बस इतना कहा कि मैं मौन रहना चाहता हूं।
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अधूरा रह गया दीदार-ए-ताज का ख्वाब
फ्रांस की महिला पर्यटक अस्मा का पति के साथ ताज के दीदार का ख्वाब अधूरा रह गया। ताजमहल देखने से पहले ही फतेहपुर सीकरी में जिंदगी ने उनका साथ छोड़ दिया।
पर्यटन मंत्री को लिखेंगे पत्र
नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि आगरा स्मार्ट सिटी है और देश दुनिया से पर्यटक घूमने आते हैं। ऐसे में यहां एयर एंबुलेंस नहीं होना बड़ी कमी है। लंबे समय से यहां एयर एंबुलेंस चलाने की मांग कर रहे हैं। पर्यटन मंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग करेंगे। वहीं टूरिस्ट गाइड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान का कहना है कि कई बार पर्यटक गिरकर चुटैल हो गए है। करीब दो घंटे बाद मरीज को अस्पताल में इलाज मिला, एयर एंबुलेंस से एयरलिफ्ट कर चंद मिनट में ही इलाज मिल जाता और मरीज की जान बच जाती।